जगदलपुर: छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग घने जंगलों से भरपूर है. बस्तर में छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वन भैंसा पाया जाता है. वाइल्ड लाइफ द्वारा वन भैंसो के संरक्षण के लिए मैपिंग शुरु किया जायेगा. मैपिंग के जरिए वन भैसों के ठिकानों का पता लगाया जाएगा. ताकि वन भैसों की गणना की जा सके.
वन भैंसा की गिनती के लिए जिओ मैपिंग: बस्तर के सीसीएफ राकेश कुमार पांडे ने बताया, "उदन्ती टाइगर रिजर्व में 6 मेल वन भैंसा है. इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 15 वन भैंसा है, जिनमे मेल और फीमेल दोनो हैं. इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन भैंसा का विचरण क्षेत्र स्पष्ट नहीं है, क्योंकि टाईगर रिजर्व का यह क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य से लगा हुआ है. वन भैंसा की पुख्ता जानकारी के लिए वाइल्ड लाइफ द्वारा एक प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय ग्रामीणों की मदद ली जा रही है. इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया गया है.
वन भैंसा की गणना के लिए एक प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय ग्रामीणों को ट्रेनिंग दिया जा रहा है. ताकि जब भी फील्ड में वन भैंसा दिखे तो इनके फोटो लिया जा सके और गणना की जा सके. इसमें लोकेशन के जरिए जिओ मैपिंग भी किया जाएगा, जिससे पता चलेगा की विचरण क्षेत्र कहां से कहां तक है और कौन सी अवधी पर वन भैंसा इंद्रावती टाइगर रिजर्व में रहते हैं. - राकेश कुमार पांडे, सीसीएफ, बस्तर
वन भैंसा के संरक्षण के लिए प्रयास जारी: बस्तर के सीसीएफ राकेश कुमार पांडे ने बताया, 1 मादा और 1 नर वन भैंसा को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा. इसके अलावा इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन भैंसा के संरक्षण के लिए कार्य किया जाएगा. साथ ही पानी की व्यवस्था के लिए तालाब और डैम का निर्माण भी किया जायेगा."
बस्तर का जंगल और वातावरण वन्य जीवों के लिए बेहद अनुकूल है. इसलिए यहां अलग अलग प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं. बस्तर में राजकीय वन पशु वन भैंसा पाया जाता है. इनकी मौजदूगी बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में है. यहां कई बार झुंड में वन भैसों को देखा गया है. टाइगर रिजर्व में लगाये गए ट्रैप कैमरे में इनकी तस्वीर कैद होती आई है. छत्तीसगढ़ के केवल 2 ही टाईगर रिजर्व में इनकी पुष्टि हुई है. इनमें एक उदन्ती सीतानदी टाइगर रिजर्व और दूसरी इंद्रावती टाइगर रिजर्व है. यहां अब राजकीय पशु वन भैंसा की मैपिंग की जा रही है.