कवर्धा: कभी नक्सलियों के लिहाज से बेहद शांत माना जाने वाले कवर्धा में पिछले कुछ सालों से नक्सली समस्या बढ़ गई है. जिले से लगे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा होने के कारण नक्सलियों के लिए कवर्धा जिले का जंगल सुरक्षित इलाकों में से एक है. यहां से लगे मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क का फायदा उठाकर नक्सली बड़ी बड़ी घटनाओं को आंजम देकर जंगल में छिप जाते हैं. लेकिन अब कवर्धा पुलिस नक्सलियों के नेटवर्क को खत्म करने एक विशेष अभियान चला रही है.
जिले में नक्सलवाद खत्म करने कवर्धा पुलिस ने नई शुरुआत की है. नक्सलियों को पकड़वाने और उसके बाद मुठभेड़ में ऐसे नक्सलियों के मारे जाने पर पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि जिले में कान्हा, भोरमदेव डिविजन के नक्सलियों की गिरफ्तारी और मुठभेड़ में मार गिराने पर 5 लाख रुपये का नकद राशि के रूप में इनाम दिया जाएगा. मारे गए इनामी नक्सली की राशि भी संबंधित व्यक्ति को मिलेगी. पुलिस का दावा है कि ग्रामीण की सूचना में नक्सली मारा जाता है या ग्रामीण की मदद से आत्मसमर्पण करता है तो पुलिस इनाम के साथ साथ सरकारी नौकरी भी देगी.
हमारे पॉम्पलेट बड़ी संख्या में फॉरवर्ड किए जा रहे हैं. लोगों में ये बातचीत का मुद्दा है कि नक्सलियों को पकड़ने पर पुलिस को सूचना देंगे. गांव वालों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. दिसंबर 2024 तक कवर्धा को पूरी तरह से नक्सल मुक्त कर देंगे.--अभिषेक पल्लव, एसपी, कवर्धा
नक्सलियों को पकड़ने लगाए जा रहे पोस्टर: इस योजना को जन जन तक पहुंचाने के लिए शहर और गांव गांव में पोस्टर लगाए जा रहे हैं. पाम्पलेट भी छपाए जा रहे हैं. वॉट्सएप के जरिए भी कवर्धा पुलिस इस सूचना को लोगों तक पहुंचा रही है. तीन दिनों में इस सूचना को 35 हजार लोगों तक ये मैसेज पहुंचाया गया है.
गांव गांव में सिविल डिफेंस टीम बनाकर गांव के लड़कों को तैयार किया जा रहा है. गांव में नक्सलियों के आने पर वह अपने गांव की नक्सलियों से सुरक्षित कर सके. साथ ही ये भी कहा गया है कि हथियार बंद नक्सलियों के आने पर पुलिस को सूचना दी जाएं. -अभिषेक पल्लव, एसपी, कवर्धा
कवर्धा के नक्सल क्षेत्रों में पुलिस कैंप: एसपी पल्लव ने बताया कि पिछले तीन महीने में कवर्धा जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में 6 से ज्यादा पुलिस कैंप खोले गए हैं. हर 7 से 8 किलोमीटर में नक्सली क्षेत्र में ये कैंप खोले हैं ताकि नक्सलियों की सूचना पर पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सकें. अति संवेदनसील क्षेत्रों में 9 जगहों पर स्कूल चलाए जा रहे हैं. युवाओं के लिए स्पोर्ट्स एक्टिविटी चलाई जा रही है. नए प्रयोग के तौर पर सिविल डिफेन्स कमेटी का किया जा रहा है. देश में पहली बार नक्सल एनकाउंटर के तुरंत बाद बड़ी रकम देने की शुरुआत हो रही है. गांव वालों की मदद से कवर्धा से नक्सलवाद अगले 6 महीने में पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
साल 2015 से नक्सलियों की धमक: कवर्धा जिला 2015 से नक्सल जिला घोषित हुआ है. जिले में अब तक 6 मुठभेड़ हो चुके हैं. तीन मुठभेड़ में नक्सली मारे गए जिसमें दो महिला और एक पुरुष नक्सली था.जिले में पहला नक्सली मुठभेड़ 31मई 2018 में तरेगांव थाना के छुमरछापर में हुई थी, जिसमें एक पुरुष नक्सली का इनकाउंटर किया गया. दूसरी मुठभेड़ 31 अगस्त 2018 को प्रतापगढ़ में हुई थी जिसमें महिला नक्सली मारी गई. तीसरी मुठभेड़ 29 सितंबर 2019 को सुरतिया के जंगल में हुई, इस मुठभेड़ में भी महिला नक्सली मारी गई. इन सभी नक्सलियों पर 5 लाख रुपये का था इनाम.
जिले में दो नक्सली संगठन सक्रिय:
- भोरमदेव एरिया कमेटी
- बोड़ला एरिया कमेटी
भोरमदेव और बोड़ला नक्सली संगठनों में 17 बड़े इनामी नक्सली सक्रिय है. सभी पर 5 लाख से ज्यादा का इनाम घोषित है. कबीरधाम जिला MMC जोन महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ है, जिसका नक्सली लीडर सुरेंद्र उर्फ कबीर करता है, जो स्टेट जोनल कमेटी का सदस्य है और 25 लाख का इनाम है. सुरेन्द्र सुकमा का रहने वाला है.