बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अंबिकापुर के एक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श पर महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस संबंध में हेल्थ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल ऑफिसर नवानगर को नोटिस जारी किया है.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान : मीडिया में आई खबरों के आधार पर जनहित याचिका लगाई गई है. याचिका पर संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि उपरोक्त स्थिति उप स्वास्थ्य केंद्र नवानगर अम्बिकापुर की है, तो यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है. जब राज्य सरकार दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है, फिर भी ऐसी स्थिति क्यों बन रही है. स्वास्थ्य केंद्रों के प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी स्वयं अनुपस्थित हैं, जबकि उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए.
फर्श पर महिला का हुआ था असुरक्षित प्रसव : बीते 8 जून को अंबिकापुर जिला मुख्यालय से लगे नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई थी. ग्राम पंचायत नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा 9 माह की गर्भवती थी. 8 जून की सुबह गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे लेकर परिजन, मितानिन और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे. यहां नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर नदारद थे. इधर महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी.
नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर की बड़ी लापरवाही : परिजन और मितानिन ने कई बार डॉक्टर और नर्स को फोन लगाया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. फिर मितानिन ने फर्श पर महिला का असुरक्षित प्रसव कराया. इस दौरान डॉक्टर और नर्स के नहीं होने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल सकी. यहां तक कि प्रसव के बाद की देखभाल भी गांव की पारंपरिक दाई द्वारा किया गया. उस समय नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में केवल एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था.