बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने श्रम निरीक्षक के ट्रांसफर आदेश को निरस्त कर दिया है. राज्य शासन के श्रम विभाग ने मुंगेली के श्रम निरीक्षक का ट्रांसफर कांकेर कर दिया था, जिसके खिलाफ श्रम निरीक्षक ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने हाईकोर्ट से अपने ट्रांसफर को रोकने की मांग की थी. याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनके ट्रांसफर आदेश को निरस्त कर दिया है.
ट्रांसफर आदेश को किया निरस्त : बिलासपुर हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 61 वर्ष की उम्र में ट्रांसफर करना अनुचित है और वह भी तब जब उनके रिटायरमेंट में 1 साल ही बचा है. ऐसे में ट्रांसफर को पूरी तरह से अनुचित करार देते हुए बिलासुपर हाईकोर्ट ने ट्रांसफर आदेश को निरस्त कर दिया है.
श्रम विभाग ने किया था ट्रांसफर : कोरबा के ग्राम कर्रानारा पाली में रहने वाले श्रम निरीक्षक गेंदुराम आर्मो मुंगेली जिला में श्रम निरीक्षक के पद पर पदस्थ है. पदस्थापना के दौरान मार्च 2024 में सचिव, छ.ग. शासन, श्रम विभाग ने एक आदेश जारी कर गेंदुराम आर्मो का स्थानांतरण मुंगेली से जिला कांकेर कर दिया. ट्रांसफर आदेश से परेशान गेंदुराम आर्मो ने अपने वकील के जरिए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
हाईकोर्ट में दी यह दलील: याचिकाकार्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उनकी उम्र 61 साल हो गई है. वह 2025 फरवरी में रिटायर होने वाले है. इस उम्र में अगर उनका ट्रांसफर मुंगेली से कांकेर कर दिया जाएगा, तो उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा. उनके परिवार के सदस्यों को भी परेशानियां उठानी पड़ेगी. रिटायरमेन्ट के बाद मिलने वाले रिटायरमेंट देयक के संबंध में भरे जाने वाले फार्म और अन्य प्रक्रिया में भी देरी होगी, जिससे उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद रिटायरमेंट देयक हासिल करने में परेशानी होगी. उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट से अपील किया कि उनका ट्रांसफर न किया जाए. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता श्रम निरीक्षक गेंदुराम आर्मो का ट्रांसफर आदेश निरस्त कर दिया है.