बिलासपुर: प्रदेश के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने एसीबी और ईओडब्ल्यू को पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई से रोका है. साथ ही
हाईकोर्ट ने दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक: जानकारी के अनुसार, दोनों के खिलाफ जांच एजेंसी ने शराब घोटाला केस में एफआईआर दर्ज किया है. बिलासपुर हाईकोर्ट में इस केस को लेकर टुटेजा की याचिका पर जस्टिस एन के चंद्रवंशी की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. जिसमें बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को बड़ी राहत देते हुए एसीबी और ईओडब्ल्यू को दंडात्मक कार्रवाई करने से रोका है. साथ ही एसीबी और ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी कर इस केस के संबंध में जवाब भी मांगा है.
एसीबी और ईओडब्ल्यू से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एसीबी और ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी कर इस केस के संबंध में जवाब भी मांगा है. इस केस में पहले ही अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से आबकारी केस और नोएडा एफआईआर मामले में नो कोरेसीव स्टेप का आर्डर मिल चुका है. इसका मतलब अभी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी उन्हें राहत दी है. उनके खिलाफ किसी भी तरह के दंडात्मक कार्रवाई पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.
कथित शराब घोटाले में बनाया गया है आरोपी: छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ईडी ने 2000 करोड़ से भी ज्यादा के कथित शराब घोटाले केस में कार्रवाई शुरू की. कार्रवाई में ईओडब्ल्यू और एसीबी ने प्रदेश के कई राजनेता, पूर्व मंत्री, आईएएस अधिकारी सहित कई कारोबारी पर एफआईआर दर्ज किया. जिनमे कई अधिकारी और व्यवसाई जेल में बंद है. इस केस में दोनों बाप बेटे को भी प्रदेश में हुए 2 हजार करोड़ से भी अधिक के कथित शराब घोटाले में आरोपी बनाया गया है.