कोरबा: छत्तीसगढ़ का कोरबा लोकसभा हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत की पत्नी और सिटिंग एमपी ज्योत्सना महंत को कांग्रेस ने दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. दूसरी ओर भाजपा ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. बीजेपी जोर शोर के साथ कोरबा संसदीय क्षेत्र में प्रतार कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल कोरबा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे चुनाव के संबंध में खास बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने यह स्वीकार किया कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है. इस बात का फायदा निजी अस्पताल उठाते हैं. कोरबा के निजी अस्पताल एनकेएच में मरीज के मौत की शिकायत को संज्ञान में लेने की बात भी उन्होंने कही है.
सवाल: मंत्री जी, वह कौन सा सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर आप लोगों के बीच जा रहे हैं?
जवाब: हम लोगों से लगातार जुड़ रहे हैं, कई मुद्दे हैं. हमारा जो वर्ष 2047 तक विकसित भारत संकल्प बनाने का मुद्दा है. उसे लेकर के हम लोगों के बीच जा रहे हैं.
सवाल: आज भी कार्यकर्ता सम्मेलन था, कार्यकर्ताओं के मन में क्या है, वह क्या चाहते हैं पार्टी से?
जवाब: आपने देखा होगा कि कार्यकर्ताओं की संख्या, जितनी हमने उम्मीद की थी, उससे कहीं बड़ी संख्या लोग यहां पहुंचे थे. लोगों में उत्साह था, कार्यकर्ता इस कड़ी धूप में भी किसी प्रकार से चार घंटे से बैठे हुए थे, जहां 4 मिनट बैठना मुश्किल हो रहा है. कोरबा जैसे शहर में भरी दुपहरी में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं का उत्साह यह बताता है कि इस बार हम लोग प्रचंड बहुमत से लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं.
सवाल: कोरबा जिले का मेडिकल कॉलेज हो या फिर प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज, इसका श्रेय लेने की होड़ मची रहती है. आप कहते हैं केंद्र ने स्वीकृति दी, जबकि कांग्रेस कहती है कि उनकी सरकार ने मेडिकल कॉलेज खोले हैं, वास्तविकता क्या है?
जवाब: यह तो कांग्रेस की पुरानी परंपरा है. यह आम व्यक्ति भी जानता है. आप वेबसाइट में भी इसे देख सकते हैं कि 60 फीसदी केंद्र सरकार की राशि है और 40 फीसदी राज्यांश है. वह 40 फीसदी राज्यांश में भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने फूटी कौड़ी नहीं दिया है. अभी हमारी सरकार आने के बाद हमने फंड जारी किया है. अभी तक नींव भी नहीं खोदी जा सकी है. जमीन अधिग्रहण का जो हिस्सा है, कई जगह फॉरेस्ट के क्लीयरेंस का मामला है. कांग्रेसी इसमें से कुछ भी नहीं कर पाए हैं. इन्होंने सिर्फ मुंह चलाकर घोषणा करके लोगों की वाहवाही लूटने के लिए ऐसा किया. जल्द ही हमारी सरकार इसे पूरा करेगी. अभी 4 और नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई थी. उसे भी हम चालू करेंगे, ऐसे कुल 7 मेडिकल कॉलेज छत्तीसगढ़ में खोले जाएंगे.
सवाल: अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं आज भी एक गरीब व्यक्ति के लिए सपने जैसा है. सरकारी व्यवस्था में विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं हैं. इसे कैसे दूर करेंगे, क्या रोड मैप है आपके पास?
जवाब: आपकी बात से मैं बिल्कुल सहमत हूं. हमारे पास विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी बहुत ज्यादा है. हमारे पास 40 फीसदी डॉक्टर हैं, तो 60 फीसदी की कमी है.
इसे पूरा करने के लिए हमारे पास रोड मैप है. हम अध्ययन कर रहे हैं कि जो विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. जो हमारे प्रदेश में उपलब्ध हैं या बाहर से भी हमको जिन्हें बुलाना पड़ेगा. उसके लिए उन्हें मूलभूत रूप से किन-किन सुविधाओं की आवश्यकता है. उनके पैकेज क्या होंगे, उन बिंदुओं पर हम रिव्यू कर रहे हैं. जल्द ही इस पर निर्णय लेकर प्रयास रहेगा कि आने वाले 1 साल के अंदर छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी को दूर किया जा सके.
सवाल: इन्हीं कमियों का फायदा कहीं ना कहीं निजी अस्पताल प्रबंधन उठाते हैं. हाल ही में कोरबा के एक अस्पताल का मामला सामने आया था. परिजनों ने लापरवाही से मरीज की मौत होने का आरोप लगाया है. परिजनों पर ही हंगामा करने के आरोप में एफआईआर हुआ, लेकिन अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई?
जवाब: इस घटना की जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन यह कहना आपका सही है कि विशेषज्ञों की कमी के चलते मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल का रुझान करते हैं. वहां जाकर इलाज कराते हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए भी नरेंद्र मोदी जी ने ₹5 लाख तक के इलाज का इंतजाम आयुष्मान भारत योजना के तहत किया है, जिसका पूरा प्रबंध किया हुआ है. मरीज प्राइवेट में भी इलाज करा सकते हैं, कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी. लेकिन जो सरकारी हॉस्पिटल हैं, उस पर भी हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम उनको दुरुस्त कर प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सुविधा या उससे भी अच्छी सुविधाओं को खड़ा कर सकें. यही हमारा लक्ष्य है.