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छत्तीसगढ़ में पिछले 25 साल से चल रही फिल्म सिटी की तलाश, अब तक नहीं हुई पूरी - CHHATTISGARH FILM CITY

छत्तीसगढ़ के कलाकारों, फिल्म निर्माता और निर्देशकों को चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनने का इंतजार है.

CHHATTISGARH FILM CITY
छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 26, 2025, 12:49 PM IST

Updated : Feb 26, 2025, 1:08 PM IST

रायपुर: नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ की साय सरकार की ओर से एक जानकारी दी गई. जिसमें बताया गया कि केंद्र सरकार ने लगभग 148 करोड़ रुपए की राशि पर्यटन के लिए स्वीकृत की है. जिसमें से 95.79 करोड़ रुपए की लागत से रायपुर के माना तूता में चित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण किया जाना है. 51.57 करोड़ रुपए की लागत से जनजाति और सांस्कृतिक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण होगा. सरकार ने दावा किया कि फिल्म सिटी और कन्वेंशन सेंटर बनने से छत्तीसगढ़ के साथ साथ बाहर के फिल्म निर्माता, निर्देशकों और कलाकारों को इसका फायदा मिलेगा. इस फिल्म सिटी में प्री प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन भी होगा.

छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी का इंतजार और कितने दिन?: उस दौरान यह भी जानकारी आई थी कि बनाए जा रहे चित्रोत्पला फिल्म सिटी में फिल्मों की शूटिंग के लिए कई तरह के सेट्स बनाए जाएंगे. जिसमें टेंपरेरी ओर परमानेंट सेट्स दोनों शामिल होंगे. गांव और शहर दोनों सेट यहां उपलब्ध होंगे. इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, जेल, कोर्ट और रेस्टोरेंट जैसी तमाम जगह भी इस फिल्म सिटी में बनाई जाएगी. तालाब और गार्डन के सेट्स भी यहां बनाए जाएंगे. इनडोर शूटिंग में गैलरी, आर्टिफिशियल तालाब, पर्वत और घाट का निर्माण भी किया जाएगा. इसमें प्री और पोस्ट प्रोडक्शन के लिए भी बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा.

छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)

लेकिन वर्तमान की बात की जाए तो आज फिल्म सिटी की क्या स्थिति है, कहां निर्माण होना है, कितने एकड़ में बनाया जाना है, उसके लिए क्या व्यवस्था की गई है, किन-किन चीजों का निर्माण होगा, कौन-कौन सी सुविधाएं मौजूद होगी, यह कब तक पूरा किया जा सकेगा, इसका कितना फायदा फिल्म जगत से जुड़े लोगों को होगा, सरकार को इससे कितना लाभ मिलेगा, इन सारे सवालों का जवाब मिलता नजर नहीं आ रहा है. इन सवालों का जवाब जानने ETV भारत ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड प्रबंध संचालक विवेक आचार्य से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

छत्तीसगढ़ निर्माण से शुरू हुई फिल्म सिटी की चर्चा: छत्तीसगढ़ फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष परेश बागबाहरा ने ETV भारत को बताया कि प्रदेश में फिल्म सिटी निर्माण की चर्चा साल 2000 में छत्तीसगढ़ निर्माण के साथ ही शुरू हो गई. उस दौरान छत्तीसगढ़ फिल्म निर्माण और विकास समिति बनाई गई जिसके वे खुद अध्यक्ष थे. उस दौरान नया रायपुर में एक जगह चिन्हित की गई. उसी जगह पर आज तक फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर चर्चा होती रहती है. फिल्म सिटी निर्माण के लिए हैदराबाद, मुंबई सहित कई जगहों पर फिल्म सिटी के लिए जानकारी ली गई. इस पर काफी काम हुआ. परेश बागबाहरा बताते हैं कि हर सरकार में फिल्म सिटी निर्माण के लिए प्रयास तो होता है लेकिन किसी वजह से वह प्राथमिक्ता में नहीं आ पाता और काम रुक जाता है.

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परेश बागबहरा, पूर्व अध्यक्ष, फिल्म विकास बोर्ड (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी बनने से फायदा: बागबाहरा बताते हैं कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी फिल्म का बहुत बड़ा स्कोप है. यहां संभावना है, बहुत अच्छे लोग, आर्टिस्ट, प्रतिभान स्टोरी राइटर, टेक्नीशियन है. अच्छे-अच्छे स्टूडियो है. परेश बागबाहरा ने कहा कि फिल्म सिटी के निर्माण से नया बिजनेस डेवलप होगा. प्रदेश की जीडीपी बढ़ेगी. रोजगार के अवसर मिलेंगे. कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और उम्मीद है कि वर्तमान की साय सरकार इस काम को जल्द पूरा करेगी.

छत्तीसगढ़ फिल्मों में सब्सिडी देने की मांग: परेश बागबाहरा ने छत्तीसगढ़ी फिल्म को बढ़ावा देने के लिए एक सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को फिल्म सिटी के साथ-साथ फिल्मों के निर्माण के लिए सब्सिडी भी देनी चाहिए. टैक्स को कम करना चाहिए. क्योंकि फिल्म निर्माण के दौरान कई तरह की आर्थिक कठिनाई आती है, काफी पैसा खर्च होता है, लेकिन इसका रिटर्न कुछ नहीं आता है.

"पीपीपी मोड पर बनाए जाए चौपाल सिनेमा": परेश बागबहरा ने कहा कि थिएटर ना होने की वजह से फिल्मों के निर्माण की लागत भी नहीं मिल पाती है. जिस वजह से फिल्म निर्माता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी से निजात दिलाने ETV भारत के माध्यम से परेश बागबहरा ने सरकार से मांग की है कि 5000 की आबादी से ज्यादा वाली जगह पर चौपाल सिनेमा बनाया जाए. इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में बनाया जा सकता है. इसके लिए सरकार को फ्री में जमीन देनी चाहिए. यदि सरकार इसका निर्माण करती है तो उससे छत्तीसगढ़ी फिल्म को काफी मदद मिलेगी और फिल्म भी दूर दराज गांवों तक पहुंचेगी. इससे फिल्म जगत को ज्यादा फायदा होगा.

फिल्म सिटी निर्माण को लेकर बनी सलाहकार समिति की एक भी नहीं हुई बैठक: 25 साल बाद भी छत्तीसगढ़ में फिल्म सिटी का निर्माण न होने पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक मनोज वर्मा का कहना है "फिल्म सिटी का निर्माण स्लो नहीं बल्कि बहुत ज्यादा धीमी गति से चल रहा है. जो निर्माण अब तक पूरा हो जाना था उसका कहीं कुछ आता पता नहीं है. फिल्म सिटी निर्माण को लेकर एक सलाहकार समिति बनाई गई थी, लेकिन उसकी मीटिंग अब तक नहीं हो सकी है. संभावना है कि इस पर भी चर्चा के लिए मीटिंग रखी जाएगी और उसमें फिल्म से संबंधित बातों पर विचार विमर्श किया जाएगा, हमारी मांगों को सुना जाएगा. लेकिन अब तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है. इसलिए हमें नहीं पता कि फिल्म सिटी निर्माण की क्या स्थिति है."

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मनोज वर्मा, निर्देशक (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनोज वर्मा यह जरूर कहते हैं "फिल्म सिटी का निर्माण होता है तो स्वाभाविक उसका लाभ छत्तीसगढ़ फिल्म जगत से जुड़े लोगों को मिलेगा. निर्माता निर्देशक और कलाकारों को इसका फायदा होगा. फिल्म सिटी होने से एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बाहर से लोग यहां काम करने आएंगे, उनसे हम सीख सकते हैं, बड़ी इंडस्ट्री के लोग आएंगे. हिंदी कर दूसरी भाषाओं में फिल्में शूट होगी."

प्रदेश में भरपूर फिल्मी लोकेशन: मनोज वर्मा कहते हैं "छत्तीसगढ़ में शूटिंग के लिए किसी लोकेशन की कमी नहीं है. यहां काफी अच्छी-अच्छी लोकेशन है लेकिन कुछ ऐसी जगह है जहां हम शूटिंग के दौरान फंस जाते हैं. जैसे एयरपोर्ट, जेल और रेलवे स्टेशन सहित कई ऐसी जगह है, जहां शूटिंग करना काफी मुश्किल होता है. पब्लिक होने की वजह से भी परेशानी होती है. ऐसे में बनाए जाने वाले फिल्म सिटी में इसका निर्माण होगा तो उसका फायदा फिल्म बनाने के दौरान मिलेगा."

फिल्म सिटी में जरूर हो ये चीजें: फिल्म निर्माता - निर्देशक सतीश जैन का कहना है "हमारी छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में छत्तीसगढ़ सरकार एक फिल्म स्टूडियो का निर्माण करने जा रही है. इसका हम स्वागत करते हैं. हमारे लिए यह उपयोगी होगा, लेकिन यह उपयोगिता तब होगी, जब वह हमारी जरूरतों को पूरा करें. जो हमें फिल्म के लिए जरूरी है, वो आम तौर पर नहीं मिल पाता है, जैसे पुलिस थाना, जेल, कोर्ट, रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर सहित कई ऐसे स्थान है, जिन्हें शूट करने में काफी दिक्कत होती है. यह आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं, यदि कहीं प्राइवेट शूट किया जाता है तो वह काफी महंगा पड़ता है. यदि बनाए जाने वाले फिल्म सिटी में इसका निर्माण कराया जाता है, तो स्वाभाविक है, इसका लाभ फिल्म बनाने के दौरान मिलेगा."

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सतीश जैन, निर्माता एवं निर्देशक (ETV Bharat Chhattisgarh)

बाहर जाकर शूटिंग करना पड़ता है काफी खर्चीला: सतीश जैन ने बताया कि वर्तमान में फिल्म सिटी ना होने की वजह से इन स्थानों को शूट करने के लिए उन्हें हैदराबाद, विशाखपट्नम या मुंबई जाना पड़ता है, जो काफी खर्चीला होता है. ऐसे में इन चीजों का निर्माण फिल्म सिटी होता है तो इससे उन्हें काफी फायदा होगा. खर्चा भी कम होगा और समय भी बचेगा.

सतीश जैन ने बनाए जाने वाले फिल्म सिटी के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने कहा " फिल्म सिटी निर्माण के लिए प्रॉपर आर्ट डायरेक्टर मुंबई या हैदरावाद से बुला सकते हैं. उनके गाइडेंस में इसका निर्माण कराया जाए. क्योंकि वे फिल्म की जरूरत को समझते हैं, कहां लाइट की आवश्यकता है, कहां क्या निर्माण किया जाए और उसके अनुसार फिल्म सिटी का निर्माण कराया जाए, तो यह हमारे लिए काफी फायदेमंद होगा. "

सतीश जैन ने इन जगहों पर रहने की व्यवस्था किए जाने की भी बात कही. उनका कहना है कि शूटिंग के दौरान लोकेशन में रहना भी पड़ता है. वह भी काफी खर्चीला होता है. इसके अलावा कई जगहों पर इसकी व्यवस्था नहीं होती जिससे काफी परेशानी होती है.

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छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी का इंतजार और कितने दिन?: उस दौरान यह भी जानकारी आई थी कि बनाए जा रहे चित्रोत्पला फिल्म सिटी में फिल्मों की शूटिंग के लिए कई तरह के सेट्स बनाए जाएंगे. जिसमें टेंपरेरी ओर परमानेंट सेट्स दोनों शामिल होंगे. गांव और शहर दोनों सेट यहां उपलब्ध होंगे. इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, जेल, कोर्ट और रेस्टोरेंट जैसी तमाम जगह भी इस फिल्म सिटी में बनाई जाएगी. तालाब और गार्डन के सेट्स भी यहां बनाए जाएंगे. इनडोर शूटिंग में गैलरी, आर्टिफिशियल तालाब, पर्वत और घाट का निर्माण भी किया जाएगा. इसमें प्री और पोस्ट प्रोडक्शन के लिए भी बिल्डिंग का निर्माण कराया जाएगा.

छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी (ETV Bharat Chhattisgarh)

लेकिन वर्तमान की बात की जाए तो आज फिल्म सिटी की क्या स्थिति है, कहां निर्माण होना है, कितने एकड़ में बनाया जाना है, उसके लिए क्या व्यवस्था की गई है, किन-किन चीजों का निर्माण होगा, कौन-कौन सी सुविधाएं मौजूद होगी, यह कब तक पूरा किया जा सकेगा, इसका कितना फायदा फिल्म जगत से जुड़े लोगों को होगा, सरकार को इससे कितना लाभ मिलेगा, इन सारे सवालों का जवाब मिलता नजर नहीं आ रहा है. इन सवालों का जवाब जानने ETV भारत ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड प्रबंध संचालक विवेक आचार्य से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

छत्तीसगढ़ निर्माण से शुरू हुई फिल्म सिटी की चर्चा: छत्तीसगढ़ फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष परेश बागबाहरा ने ETV भारत को बताया कि प्रदेश में फिल्म सिटी निर्माण की चर्चा साल 2000 में छत्तीसगढ़ निर्माण के साथ ही शुरू हो गई. उस दौरान छत्तीसगढ़ फिल्म निर्माण और विकास समिति बनाई गई जिसके वे खुद अध्यक्ष थे. उस दौरान नया रायपुर में एक जगह चिन्हित की गई. उसी जगह पर आज तक फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर चर्चा होती रहती है. फिल्म सिटी निर्माण के लिए हैदराबाद, मुंबई सहित कई जगहों पर फिल्म सिटी के लिए जानकारी ली गई. इस पर काफी काम हुआ. परेश बागबाहरा बताते हैं कि हर सरकार में फिल्म सिटी निर्माण के लिए प्रयास तो होता है लेकिन किसी वजह से वह प्राथमिक्ता में नहीं आ पाता और काम रुक जाता है.

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परेश बागबहरा, पूर्व अध्यक्ष, फिल्म विकास बोर्ड (ETV Bharat Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ फिल्म सिटी बनने से फायदा: बागबाहरा बताते हैं कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी फिल्म का बहुत बड़ा स्कोप है. यहां संभावना है, बहुत अच्छे लोग, आर्टिस्ट, प्रतिभान स्टोरी राइटर, टेक्नीशियन है. अच्छे-अच्छे स्टूडियो है. परेश बागबाहरा ने कहा कि फिल्म सिटी के निर्माण से नया बिजनेस डेवलप होगा. प्रदेश की जीडीपी बढ़ेगी. रोजगार के अवसर मिलेंगे. कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और उम्मीद है कि वर्तमान की साय सरकार इस काम को जल्द पूरा करेगी.

छत्तीसगढ़ फिल्मों में सब्सिडी देने की मांग: परेश बागबाहरा ने छत्तीसगढ़ी फिल्म को बढ़ावा देने के लिए एक सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को फिल्म सिटी के साथ-साथ फिल्मों के निर्माण के लिए सब्सिडी भी देनी चाहिए. टैक्स को कम करना चाहिए. क्योंकि फिल्म निर्माण के दौरान कई तरह की आर्थिक कठिनाई आती है, काफी पैसा खर्च होता है, लेकिन इसका रिटर्न कुछ नहीं आता है.

"पीपीपी मोड पर बनाए जाए चौपाल सिनेमा": परेश बागबहरा ने कहा कि थिएटर ना होने की वजह से फिल्मों के निर्माण की लागत भी नहीं मिल पाती है. जिस वजह से फिल्म निर्माता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी से निजात दिलाने ETV भारत के माध्यम से परेश बागबहरा ने सरकार से मांग की है कि 5000 की आबादी से ज्यादा वाली जगह पर चौपाल सिनेमा बनाया जाए. इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में बनाया जा सकता है. इसके लिए सरकार को फ्री में जमीन देनी चाहिए. यदि सरकार इसका निर्माण करती है तो उससे छत्तीसगढ़ी फिल्म को काफी मदद मिलेगी और फिल्म भी दूर दराज गांवों तक पहुंचेगी. इससे फिल्म जगत को ज्यादा फायदा होगा.

फिल्म सिटी निर्माण को लेकर बनी सलाहकार समिति की एक भी नहीं हुई बैठक: 25 साल बाद भी छत्तीसगढ़ में फिल्म सिटी का निर्माण न होने पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित निर्देशक मनोज वर्मा का कहना है "फिल्म सिटी का निर्माण स्लो नहीं बल्कि बहुत ज्यादा धीमी गति से चल रहा है. जो निर्माण अब तक पूरा हो जाना था उसका कहीं कुछ आता पता नहीं है. फिल्म सिटी निर्माण को लेकर एक सलाहकार समिति बनाई गई थी, लेकिन उसकी मीटिंग अब तक नहीं हो सकी है. संभावना है कि इस पर भी चर्चा के लिए मीटिंग रखी जाएगी और उसमें फिल्म से संबंधित बातों पर विचार विमर्श किया जाएगा, हमारी मांगों को सुना जाएगा. लेकिन अब तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है. इसलिए हमें नहीं पता कि फिल्म सिटी निर्माण की क्या स्थिति है."

Chhattisgarh Film City
मनोज वर्मा, निर्देशक (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनोज वर्मा यह जरूर कहते हैं "फिल्म सिटी का निर्माण होता है तो स्वाभाविक उसका लाभ छत्तीसगढ़ फिल्म जगत से जुड़े लोगों को मिलेगा. निर्माता निर्देशक और कलाकारों को इसका फायदा होगा. फिल्म सिटी होने से एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बाहर से लोग यहां काम करने आएंगे, उनसे हम सीख सकते हैं, बड़ी इंडस्ट्री के लोग आएंगे. हिंदी कर दूसरी भाषाओं में फिल्में शूट होगी."

प्रदेश में भरपूर फिल्मी लोकेशन: मनोज वर्मा कहते हैं "छत्तीसगढ़ में शूटिंग के लिए किसी लोकेशन की कमी नहीं है. यहां काफी अच्छी-अच्छी लोकेशन है लेकिन कुछ ऐसी जगह है जहां हम शूटिंग के दौरान फंस जाते हैं. जैसे एयरपोर्ट, जेल और रेलवे स्टेशन सहित कई ऐसी जगह है, जहां शूटिंग करना काफी मुश्किल होता है. पब्लिक होने की वजह से भी परेशानी होती है. ऐसे में बनाए जाने वाले फिल्म सिटी में इसका निर्माण होगा तो उसका फायदा फिल्म बनाने के दौरान मिलेगा."

फिल्म सिटी में जरूर हो ये चीजें: फिल्म निर्माता - निर्देशक सतीश जैन का कहना है "हमारी छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में छत्तीसगढ़ सरकार एक फिल्म स्टूडियो का निर्माण करने जा रही है. इसका हम स्वागत करते हैं. हमारे लिए यह उपयोगी होगा, लेकिन यह उपयोगिता तब होगी, जब वह हमारी जरूरतों को पूरा करें. जो हमें फिल्म के लिए जरूरी है, वो आम तौर पर नहीं मिल पाता है, जैसे पुलिस थाना, जेल, कोर्ट, रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर सहित कई ऐसे स्थान है, जिन्हें शूट करने में काफी दिक्कत होती है. यह आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं, यदि कहीं प्राइवेट शूट किया जाता है तो वह काफी महंगा पड़ता है. यदि बनाए जाने वाले फिल्म सिटी में इसका निर्माण कराया जाता है, तो स्वाभाविक है, इसका लाभ फिल्म बनाने के दौरान मिलेगा."

Chhattisgarh Film City
सतीश जैन, निर्माता एवं निर्देशक (ETV Bharat Chhattisgarh)

बाहर जाकर शूटिंग करना पड़ता है काफी खर्चीला: सतीश जैन ने बताया कि वर्तमान में फिल्म सिटी ना होने की वजह से इन स्थानों को शूट करने के लिए उन्हें हैदराबाद, विशाखपट्नम या मुंबई जाना पड़ता है, जो काफी खर्चीला होता है. ऐसे में इन चीजों का निर्माण फिल्म सिटी होता है तो इससे उन्हें काफी फायदा होगा. खर्चा भी कम होगा और समय भी बचेगा.

सतीश जैन ने बनाए जाने वाले फिल्म सिटी के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने कहा " फिल्म सिटी निर्माण के लिए प्रॉपर आर्ट डायरेक्टर मुंबई या हैदरावाद से बुला सकते हैं. उनके गाइडेंस में इसका निर्माण कराया जाए. क्योंकि वे फिल्म की जरूरत को समझते हैं, कहां लाइट की आवश्यकता है, कहां क्या निर्माण किया जाए और उसके अनुसार फिल्म सिटी का निर्माण कराया जाए, तो यह हमारे लिए काफी फायदेमंद होगा. "

सतीश जैन ने इन जगहों पर रहने की व्यवस्था किए जाने की भी बात कही. उनका कहना है कि शूटिंग के दौरान लोकेशन में रहना भी पड़ता है. वह भी काफी खर्चीला होता है. इसके अलावा कई जगहों पर इसकी व्यवस्था नहीं होती जिससे काफी परेशानी होती है.

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Last Updated : Feb 26, 2025, 1:08 PM IST
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