भिलाई : राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी आज एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल पर हैं. हड़ताल का आह्वान छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने किया है, लेकिन स्थानीय नगर निगम और पालिका में छत्तीसगढ़ स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ और कर्मचारी कांग्रेस ने भी इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया.
नगर निगम में कामकाज रहा ठप : भिलाई और दुर्ग सहित भिलाई चरोदा और रिसाली नगर निगम में शुक्रवार को कार्यालयीन कामकाज ठप रहा. ऐसी ही स्थिति जामुल और कुम्हारी सहित जिले के अन्य नगर पालिकाओं में बनी रही. निकाय कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने के लिए एक दिन का अवकाश ले रखा था. वहीं निकाय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई. इस दौरान कर्मचारियों अधिकारियों से चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा करने की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से की गई.
हड़ताल से आवश्यक सेवाओं को अलग रखा गया- छत्तीसगढ़ स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री शरद दुबे बताया कि फेडरेशन की चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में भिलाई निगम के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया है. कर्मचारियों का आरोप है कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले सरकारी कर्मचारियों से उनकी मांगें पूरी करने का वादा किया था. अगर सरकार मांगों पर ध्यान नहीं देती तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान करेगा. प्रदेश के 33 जिलों और 146 विकासखंडों में कर्मचारी अधिकारी प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जा रहा है.
''फेडरेशन ने विधानसभा चुनाव के समय भाजपा के घोषणा पत्र के मुताबिक प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता में 4 प्रतिशत वृद्धि कर 50 प्रतिशत डीए स्वीकृत करने, प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में जमा किए जाने की मांग है.'' शरद दुबे, छत्तीसगढ़ स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ प्रदेश महामंत्री
फेडरेशन ने मोदी की गारंटी का क्रियान्वयन नहीं होने के स्थिति में चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है. दूसरे चरण में 20 से 30 अगस्त 24 तक सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया. तीसरे चरण में 11 सितंबर को जिला, ब्लॉक व तहसील में मशाल रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया. चौथे चरण में 27 सितंबर को प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी ने अवकाश में रहकर कलम बन्द हड़ताल किया है.