बलरामपुर: रामानुजगंज में छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच कन्हर नदी घाट पर छठ महापर्व का विहंगम दृश्य देखने को मिला. कन्हर नदी घाट पर हजारों छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया. भोर से ही व्रती कन्हर नदी के शीतल जल में स्नान कर भगवान सूर्य के दिखने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही सूर्य देव की लालिमा नजर आई तो व्रतियों ने भगवान भास्कर को श्रद्धाभाव से अर्घ्य अर्पित किया.
चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन: रामानुजगंज की कन्हर नदी के एक तरफ छत्तीसगढ़ तो दूसरी तरफ झारखंड है. नदी के दोनों तरफ हजारों की संख्या में छठ व्रती पहुंचे और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व संपन्न की. छठ महापर्व के समापन के दौरान व्रतियों और श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला. इस दौरान पूरे शहर में भक्तिमय वातावरण रहा.
रामानुजगंज में कन्हर नदी के किनारे छठ पूजा: अंबिकापुर से रामानुजगंज छठ मनाने पहुंची छठ व्रती पल्लवी जायसवाल ने ETV भारत से बात की. उन्होंने बताया कि वह अंबिकापुर से यहां छठ पूजा करने आई है. पल्लवी की शादी अंबिकापुर में हुई है और रामामुजगंज उनका मायका है. इसलिए वो यहां छठ मनाने पहुंची है.
पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे अच्छा अगर कहीं छठ होता है तो रामानुजगंज में होता है. गंगा के समान उत्तरवाहिनी कन्हर नदी बह रही है. छठ महापर्व बहुत ही अच्छे तरीके से यहां मनाया जाता है. रामानुजगंज में सभी धर्मों के लोग श्रद्धा भाव से यहां आते हैं और छठ पर्व का हिस्सा बनते हैं: पल्लवी जायसवाल, छठ व्रती
प्रकृति और भगवान सूर्य को समर्पित है छठ महापर्व: छठ महापर्व प्रकृति भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है. छठ पूजा चार दिनों का काफी कठिन व्रत होता है. छठ महापर्व पर व्रतियों में काफी उत्साह रहता है. घर-परिवार की खुशहाली संतान प्राप्ति सहित अन्य मनोकामनाओं को लेकर व्रती छठ पूजा करते हैं. साल-दर-साल छठ महापर्व का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है.