जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर में छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया. झारखण्ड, बिहार, उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे इस क्षेत्र में छठ पर्व मनाने वालों की संख्या ज्यादा है. शहर के बड़े और छोटे तालाब सहित आसपास की नदियों के घाट पहुंचकर छठ व्रतियों ने छठ पूजा की. इस दौरान घाटों पर हजारों लोग इकट्ठे हुए. सभी घाटों पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही.
तपस्या से कम नहीं छठ व्रत: कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को व्रती जल में डूबकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं वहीं सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 4 दिनों तक होने वाले विशेष अनुष्ठान में पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है.
छठ व्रतियों में सूर्य की ऊर्जा: इस पर्व को लोग धन, धान्य व सुख समृद्धि की कामना को लेकर करते हैं. छठ का व्रत आरोग्यता भी प्रदान करता है. ऐसी मान्यता है कि छठ के व्रतियों में सूर्य की ऊर्जा विद्यमान हो जाती है जिससे व्रती पूरे साल बीमारियों से दूर रहता है.
नहाय खाय से उगते सूर्य को अर्घ्य: छठ व्रती शीला साहू बताती है कि चार दिन के छठ पूजा में पहला दिन नहाय खाय, खरना, तीसरा दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन ठेकुआ बनाया जाता है. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पारण कर छठ का समापन होता है. छठ व्रती अनीता गुप्ता बताती है कि घर परिवार की सुख शांति के लिए छठ का व्रत किया जाता है. छठ व्रती किरण बताती है कि ये महापर्व है. छठ पूजा बहुत ही श्रद्धा से मनाई जाती है. छठ पर्व में साफ सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. इस दिन घर और आसपास की शुद्धि के साथ मन की शुद्धता प्रमुख है.