गयाः बिहार के बोधगया में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भ्रमण पर आए हुए हैं. ये विदेशी पर्यटक छठ पर्व की महिमा जानकर काफी प्रभावित हुए. भारतीय सनातन धर्म की संस्कृति और लोक आस्था के महापर्व के बारे में जानकर विदेशी पर्यटक इस कदर प्रभावित हुए, कि उन्होंने इस पर्व में शामिल होने का निर्णय लिया. बोधगया के निरंजना नदी घाट पर गुरुवार 7 नवंबर को अस्तचलागामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देने पहुंचे. भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार परिधान पहने इन विदेशी पर्यटकों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हुईं.
विदेशी मेहमानों ने दिया अर्घ्यः गया में अस्तचलागामी भगवान भास्कर को पूरी श्रद्धा के साथ विदेशी मेहमान अर्घ्य देते दिखे. बड़ी बात यह रही, कि विदेशी मेहमान भगवा रंग के लिबास में थे. भारतीय परंपरा के अनुसार उन्होंने परिधान धारण किया था. वो आसपास को लोगों का देखते हुए अर्घ्य दे रहे थे. इस दौरान दोनों हाथों को जोड़कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. उतनी ही श्रद्धा के साथ सूप के आगे सिर झुकाया. विदेशी मेहमानों का छठ पर्व में शामिल होना स्थानीय लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना था.
सनातन संस्कृति से प्रभावितः विश्व में भारतीय पर्व त्योहारों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. यही वजह है, कि पितृ पक्ष में पिंडदान करने जत्थे के जत्थे विदेशी पिंडदानी आने लगे हैं. वहीं, दशहरे पर्व में भी शामिल होते हैं. दीपावली भी मनाते हैं और अब छठ पर्व में भी उनकी आस्था देखी जा रही है. दर्जनों की संख्या में विदेशी मेहमान लोक आस्था के महापर्व छठ में शामिल हो रहे हैं. इस तरह छठ पर्व अब सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं दिख रहा, बल्कि दूसरे देशों में भी इस पर्व की छाटा फैली है.
लोगों की आस्था से हुए प्रभावितः विदेशी मेहमानों ने बताया कि भगवान सूर्य के प्रति सनातन धर्म के लोगों की आस्था अद्भुत है. हमलोग इस तरह की आस्था देखकर काफी प्रभावित हुए हैं. कहा कि डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. सुबह में उगते हुए भगवान सूर्य को अधर्य देगे. गौरतलब हो, कि इन दिनों विदेशी मेहमान काफी संख्या में पर्यटन सीजन में बोधगया आये हुए है. इसके बीच छठ पर्व के बारे में जाना और इसकी महिमा और लोगों की अद्भुत आस्था देखकर प्रभावित हुए और इस छठ पर्व में शामिल हुए.
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