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बैकुंठपुर में सज गए छठ घाट, डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य देने घाट पहुंचेंगे छठ व्रती

छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में छठ पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है.

BAIKUNTHPUR CHHATH
बैकुंठपुर में छठ पूजा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 7, 2024, 10:48 AM IST

कोरिया: जिले में छठ की छटा दिखने लगी है. घाट सजकर तैयार हैं. हर तरफ छठ गीत बज रहे हैं. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हुई. व्रतियों ने छठ व्रत का संकल्प लिया.

बैकुंठपुर में छठ पूजा: बुधवार को खरना के दिन घाट बंधान के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास चल रहा है. खरना की परंपरा छठ पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है. खरना का अर्थ है शुद्धता. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन छठी मैया का आगमन होता है. इसके बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. आज शाम को छठ व्रती घाट और नदी किनारे जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. शुक्रवार को उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा.

Chhath Puja 2024
आज शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे छठ व्रती (ETV Bharat Chhattisgarh)

छठ पूजा के लिए घाटों पर सुरक्षा की ये तैयारी: आज शाम व्रती छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. रायपुर में सूर्यास्त का समय शाम 5: 24 मिनट है. कोरिया में भी इसके आस पास ही सूर्यास्त का समय रहेगा. छठ पूजा पर शहर से लेकर गांवों तक घाटों में तैयारी की गई है. जिले के प्रमुख 10 घाटों पर बड़े आयोजन हो रहे हैं. सभी घाटों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. घाट पर 2-2 गोताखोरों को तैनात किया गया है. कोरिया व एमसीबी जिले के छठ घाटों पर 18-18 गोताखोर तैनात रहेंगे.

Chhath Puja 2024
खरना के साथ छठ व्रतियों का 36 घंटे का व्रत (ETV Bharat Chhattisgarh)
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बैकुंठपुर में छठ पूजा: बुधवार को खरना के दिन घाट बंधान के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास चल रहा है. खरना की परंपरा छठ पूजा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है. खरना का अर्थ है शुद्धता. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन छठी मैया का आगमन होता है. इसके बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. आज शाम को छठ व्रती घाट और नदी किनारे जाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. शुक्रवार को उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा.

Chhath Puja 2024
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