छतरपुर। जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर बसे बकस्वाहा जनपद की ग्राम पंचायत मझौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने के लिए ग्रामीण सालों से भटक रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. योजना के लिए पात्र गरीब, हरिजन, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलने से अब आक्रोश बढ़ने लगा है. गुस्साए ग्रामीणों ने महिलाओं के साथ पहुंचकर जनपद सीईओ भागीरथ तिवारी के सामने आपबीती सुनाई और शिकायत दी.
योजना का लाभ देने के लिए भेदभाव का आरोप
ग्रामीणों ने पंचायत सचिव संतोष यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने कहा है कि योजना का लाभ उनको दिया गया जिनके पास पहले से ही पक्के मकान, ट्रैक्टर और पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. पंचायत सचिव ने वास्तविक पात्र गरीबों के नाम सूची से हटा दिए, जिनके पास रहने के लिए घर तक नहीं हैं. ग्रामीणों ने ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया है कि पीएम आवास योजना के लिए रिश्वत ली जा रही है. मझोरा निवासी राजू अहिरवार ने बताया 'कलेक्टर को शिकायत की थी लेकिन कलेक्टर ने कहा बक्सवाहा जाओ, वहीं शिकायत करो लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई."
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जनपद सीईओ बोले- सूची में छेड़छाड़ संभव नहीं है
मझौरा गांव के मनोज़ अहिरवार, गोविन्दा अहिरवार ने बताया "कई सालों से आवास की मांग कर रहे हैं लेकिन पंचायत सचिव द्वारा भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के चलते उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है." वहीं जब इस मामले में पंचायत के सचिव संतोष यादव से बात हुई तो उन्होंने कहा "मेरे ऊपर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं. शासन की योजना का लाभ नियम अनुसार ही मिलता है." जनपद सीईओ बकस्वाहा भागीरथ प्रसाद तिवारी का कहना है "हमारे यहां 2018 में पीएम आवास प्लस का सर्वे किया गया था, जिसकी सूची ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज है. जिसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ किसी के द्वारा नहीं की जा सकती है. ग्रामीणों की शिकायत की जांच टीम से कराई जाएगी."