छतरपुर: दुष्कर्म मामले में लंबे समय से फरार और एक दिन पहले पीड़ित के घर में घुसकर गोलीबारी करने वाले आरोपी भोला अहिरवार ने आत्महत्या कर ली. इस मामले में आईजी प्रमोद वर्मा का बयान आया है. उनके अनुसार आरोपी ने पहले पुलिस पर 2 राउंड फायरिंग की और इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और इसी दौरान उसने खुद को गोरी मारकर आत्महत्या कर ली.
आरोपी ने एक दिन पहले की थी गोलीबारी
दुष्कर्म के आरोपी भोला अहिरवार ने एक दिन पहले 7 अक्टूबर को मौराहा में पीड़ित के घर गोली बारी की थी. इस गोलीबारी में पीड़ित के दादाजी की मौत हो गई थी और पीड़ित और उसके चाचा घायल हो गए थे. इसके बाद आरोपी फरार हो गया था. फरार आरोपी को पकड़ने पुलिस ने पूरे जिले की नाकाबंदी कर दी थी और डीआईजी ने 20 हजार का इनाम घोषित किया था. छतरपुर SP ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया था.
पुलिस ने आरोपी को पहाड़ी पर घेरा
सूचना के बाद मोराहा गोलीकांड के आरोपी की पुलिस ने गांव के पास ही एक पहाड़ी पर घेराबंदी की. यहीं आरोपी ने आत्महत्या कर ली, ऐसा पुलिस का कहना है. आईजी प्रमोद वर्मा ने बताया कि "आरोपी भोला अहिरवार की घेराबंदी के बाद वह दहशत में आ गया था. उसने पुलिस को देखकर दो राउंड फायर किए थे. पुलिस ने भी जवाब में 4 राउंड फायरिंग की. इसके बाद आरोपी ने कनपटी पर अपनी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. वहीं दुष्कर्म मामले में हीलाहवाली की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी का एनकाउंटर नहीं किया है. आरोपी ने सुबह 9 बजे पोस्ट डाली थी और 10 बजे के लगभग खुद को गोली मारी." आरोपी की आत्महत्या का वीडियो भी सामने आया है.
हत्या के बाद सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट
दुष्कर्म और हत्या के फरार इनामी आरोपी ने वारदात के एक दिन बाद मंगलवार यानि आज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी. जिसमें उसने पुलिस पर आरोप भी लगाए थे. पोस्ट में उसने बताया कि उस पर फर्जी केस लगाया गया है. उसने लिखा कि इस समय वह सिद्ध बाबा पूछी वाले रोड पर बैठा हुआ है, उसे गिरफ्तार कर लिया जाए. पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन वह नहीं मिला.
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जानिए पूरा मामला
ग्राम मोराहा में कुछ दिन पहले दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस मामले में आरोपी पीड़ित के परिवार से राजीनामा का दबाव बना रहा था लेकिन पीड़ित परिवार राजीनामा करने के लिए तैयार नहीं था. इसी को लेकर आरोपी ने पीड़ित परिवार के घर में घुसकर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया था. इधर पीड़ित की बहन और परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने पहले कोई सुनवाई नहीं की, फिर छेड़छाड़ का मामला दर्ज करने के लिए दबाव बनाया. बाद में दुष्कर्म का केस दर्ज करने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की गई. इस मामले में आईजी प्रमोद वर्मा का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी.