छतरपुर: नए साल पर पर्यटन नगरी खजुराहो पर्यटकों से गुलजार रही. यहां पर 1 जनवरी को हजारों देशी-विदेशी सैलानी पहुंचे. बताया गया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खजुराहो में सैलानियों की संख्या बड़ी है. खजुराहो के आसपास मौजूद पर्यटन स्थल कुटनी डेम, रनेह वॉटरफॉल, पांडव फॉल और खजुराहो के अन्य स्मारकों में पर्यटकों ने जमकर न्यू ईयर का लुत्फ उठाया.
खजुराहो में न्यू ईयर पर उमड़ा जनसैलाब
खजुराहो के अद्भुत मंदिरों को देखने के लिए लोग हमेशा ही उत्सुक रहते हैं. वहीं नव वर्ष के पहले दिन भी चंदेलकालीन मंदिर और उसके समीप स्थित मतंगेश्वर शिव मंदिर में भारी भीड़ देखी गई. जिसमें खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में 11 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे. वहीं, श्रद्धालुओं ने नए साल की शुरुआत बाबा भोले शंकर को जल चढ़ाकर की.
यहां के प्राचीन मंदिर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल
खजुराहो के मंदिर दुनियाभर में पर्यटकों के बीच प्रख्यात हैं. यहां अद्भुत शिल्पकला, नक्काशी, मूर्ति कला, कामक्रीड़ा करती मूर्तियां विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. यहां की नक्काशी और खूबसूरत चित्रकारी देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. मंदिर की शेष नक्काशी और मूर्तिकला लोगों के जीवन को प्रदर्शित करती हैं.
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हजार साल से ज्यादा पुराने हैं ये मंदिर
खजुराहो के मंदिरों को 1 हजार साल से अधिक पुराने बताए जाते हैं. कहा जाता है कि वर्ष 1838 में एक ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन टी.एस बर्ट गलती से अज्ञात मार्ग पर चले गए थे. तब उन्होंने इस मंदिर को देखा और दुनिया को इसके बारे में बताया. बताया जाता है कि खजुराहो में 12वीं शताब्दी तक लगभग 85 मंदिर थे, लेकिन 13वीं शताब्दी में इनमें से काफी मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था,वर्तमान में खजुराहो में मात्र 22 मंदिर ही बचे हुए हैं.