छतरपुर : मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के लिए बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का भूमिपूजन इसी महीने 25 दिसंबर को होने की संभावना है. नदी जोड़ो अभियान की कल्पना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की थी और 25 दिसंबर को अटल जी की जयंती भी है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखने के लिए छतरपुर जिले आ सकते हैं. इस संभावना को देखते हुए बुधवार को अफसरों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया.
सूखे बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित होगी केन-बेतवा लिंक परियोजना
बता दें कि सूखे बुंदेलखंड के किसानों के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना वरदान साबित हो सकती है. इस परियोजना की लागत 44 हजार करोड़ रुपये है. पहले फेस में 3400 करोड़ से बनने वाले ढोढन बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले 14 गांवों में भूअर्जन का काम 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है. बांध निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया व सर्वे शुरू हो चुका है. अब इस योजना का शुभारंभ होना है. शुभारंभ की तारीख संभवत: 25 दिसंबर है. इसको लेकर छतरपुर जिला प्रशासन खजुराहो में जमीन को चिह्नित करने में लगा है. एसपी अगम जैन ने बताया "खजुराहो में वीवीआईपी विजिट है. इसके संबंध में मंत्री, विधायक और प्रशासन ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया है."
छतरपुर जिले की 3 लाख हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
केन-बेतवा लिंक परियोजना से 3 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. छतरपुर जिले के कुल 688 ग्रामों में सिंचाई की सुविधा हो जाएगी. इसके साथ ही यहां के भू-जल स्तर में सुधार भी होगा. इस परियोजना से जिले में सबसे अधिक सिंचाई क्षेत्र का विकास लोअर टनल से किया जाएगा. मुख्य बांध से एक लोअर नहर बनाई जाएगी. इससे सिंचाई क्षेत्र विकसित किया जाएगा. केन नदी पर मुख्य बांध का निर्माण ढोढन गांव में हो रहा है. बांध से लिंक नहर के निर्माण के लिए 11 किमी लंबी सुरंग का निर्माण होगा. इसके बाद 212 किमी लंबी नहर का निर्माण किया जाना है. सुरंग का निर्माण के साथ ही 70 किलोमीटर लंबी लिंक नहर का निर्माण भी छतरपुर जिले में किया जाना है. यह नहर छतरपुर जिले के 49 गांवों से होकर गुजरेगी.
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इन जिलों के किसानों को होगा फायदा
केन बेतवा लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 14 जिले जिनमें छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, रायसेन और उत्तराप्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर जिले की जमीन सिंचाई से जुड़ सकेंगी.