नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर में बारिश के बाद उमस बढ़ने के साथ-साथ अस्पताल में सांस के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में हर दिन तकरीबन 35 से 40 सांस के मरीज पहुंच रहे हैं. अस्पताल में इतनी संख्या में सांस के मरीज आने के बावजूद इस अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन का पद रिक्त है. केवल चेस्ट फिजिशियन ही नहीं बल्कि एमएमजी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट भी नहीं है.
गाजियाबाद के जिला एमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि बरसात के मौसम में सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. एमएमजी अस्पताल में मौजूद फिजिशियन डॉ आलोक रंजन सांस के मरीजों को देख रहे हैं. फिलहाल अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन मौजूद नहीं है. फिलहाल एमएमजी अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन की सीट रिक्त है. जिसकी जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है.
डॉ राकेश कुमार के मुताबिक हालांकि अभी शासन की ओर से चेस्ट फिजिसियन की तैनाती को लेकर कोई अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. इसलिए एमएमजी अस्पताल में पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जाता है. ज्यादात्तर यहां आये सांस की गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को दिल्ली के जीटीबी और मेरठ के मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है.
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सीएमएस डॉ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि एमएमजी अस्पताल में फिलहाल कार्डियोलॉजिस्ट का पद भी रिक्त है. कार्डियोलॉजिस्ट ना होने के चलते जनरल फिजिशियन द्वारा ही मरीजों को देखा जा रहा है. हार्ट से संबंधित गंभीर मरीजों को भी यहां इलाज नहीं मिल पाता है इसलिए उन्हें दिल्ली के जीटीबी और मेरठ के मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है
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