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धौलपुर से रावतभाटा तक बनेगा चीता लैंडस्केप, राजस्थान और एमपी के वन अधिकारी संयुक्त एमओयू करेंगे जारी

धौलपुर से रावतभाटा तक चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए राजस्थान और एमपी के वन अधिकारी संयुक्त एमओयू जारी करेंगे.

Cheetah Corridor in Rajasthan
धौलपुर से रावतभाटा तक चीता कॉरिडोर (ETV Bharat Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 5:28 PM IST

धौलपुर: बजट घोषणा के अनुरूप राज्य सरकार ने राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक रणथंभौर में बुलाई गई है.

जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुरूप चीता कॉरिडोर परियोजना को हरी झंडी दी है. मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता कर चीता लैंडस्केप परियोजना को अमली जामा पहनाने की कवायद की जा रही है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के वन विभाग के अधिकारियों की बैठक संयुक्त रूप से रणथंभौर में आयोजित की जाएगी. इस बैठक के अंतर्गत चीतों की बसावट, संरक्षण एवं परिवरिश को लेकर चर्चा की जाएगी. राजस्थान और मध्य प्रदेश शासन के निर्देश में संयुक्त मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग (MOU) का निर्णय लिया जाएगा.

पढ़ें: Rajasthan: ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बोले-शाहबाद का पीएसपी प्लांट आज की जरूरत, प्रस्तावित चीता कॉरिडोर भी 45 किलोमीटर दूर

जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया रणथंभौर में होने वाली बैठक के लिए प्रतिपालक वन पवन उपाध्याय एवं राजेश कुमार गुप्ता वाइल्डलाइफ समेत मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीतों की बसावट की जाएगी. उन्होंने बताया कि धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र में मौजूदा वक्त में 4 से 5 चीतों का मूवमेंट बना हुआ है. इनमें एक मादा है. तीन शावक का भी मूवमेंट वन विभाग के कैमरों में कैद हुआ है.

पढ़ें: Cheetah in India: 20 नहीं 50 चीतों से सफल होगा 'प्रोजेक्ट चीता', नये मेहमानों के लिए तैयार हो रहा 'फ्यूचर' प्लान

इसके अलावा करीब एक दर्जन पैंथर, करीब 10 भालू समेत जरख, लक्कड़भग्गे, सियार, लोमड़ी, अजगर आदि वन्य जीव जिले के डांग क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. राज्य सरकार पूर्व में ही धौलपुर जिले को सेंचुरी एरिया घोषित कर चुकी है. टाइगर, पैंथर एवं अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट आए दिन धौलपुर से लेकर करौली तक के डांग क्षेत्र में बना रहता है. उन्होंने बताया कि चीता लैंडस्केप बनने से वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा. इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

धौलपुर: बजट घोषणा के अनुरूप राज्य सरकार ने राजस्थान में चीता कॉरिडोर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक रणथंभौर में बुलाई गई है.

जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुरूप चीता कॉरिडोर परियोजना को हरी झंडी दी है. मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता कर चीता लैंडस्केप परियोजना को अमली जामा पहनाने की कवायद की जा रही है. मध्य प्रदेश और राजस्थान के वन विभाग के अधिकारियों की बैठक संयुक्त रूप से रणथंभौर में आयोजित की जाएगी. इस बैठक के अंतर्गत चीतों की बसावट, संरक्षण एवं परिवरिश को लेकर चर्चा की जाएगी. राजस्थान और मध्य प्रदेश शासन के निर्देश में संयुक्त मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग (MOU) का निर्णय लिया जाएगा.

पढ़ें: Rajasthan: ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बोले-शाहबाद का पीएसपी प्लांट आज की जरूरत, प्रस्तावित चीता कॉरिडोर भी 45 किलोमीटर दूर

जिला वन अधिकारी चेतन कुमार ने बताया रणथंभौर में होने वाली बैठक के लिए प्रतिपालक वन पवन उपाध्याय एवं राजेश कुमार गुप्ता वाइल्डलाइफ समेत मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे. धौलपुर से लेकर रावतभाटा तक 400 किलोमीटर के वन क्षेत्र में चीतों की बसावट की जाएगी. उन्होंने बताया कि धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र में मौजूदा वक्त में 4 से 5 चीतों का मूवमेंट बना हुआ है. इनमें एक मादा है. तीन शावक का भी मूवमेंट वन विभाग के कैमरों में कैद हुआ है.

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इसके अलावा करीब एक दर्जन पैंथर, करीब 10 भालू समेत जरख, लक्कड़भग्गे, सियार, लोमड़ी, अजगर आदि वन्य जीव जिले के डांग क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं. राज्य सरकार पूर्व में ही धौलपुर जिले को सेंचुरी एरिया घोषित कर चुकी है. टाइगर, पैंथर एवं अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट आए दिन धौलपुर से लेकर करौली तक के डांग क्षेत्र में बना रहता है. उन्होंने बताया कि चीता लैंडस्केप बनने से वन्यजीवों की संख्या में इजाफा होगा. इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

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