सागर: आज भले ही डकैतों का दौर खत्म हो चुका हो, लेकिन एक समय था जब मानसिंह, पानसिंह तोमर, जगजीवन परिहार, निर्भय गुर्जर और फूलन देवी जैसे डकैतों के नाम से लोग कांपते थे. लेकिन कुछ ऐसे डकैत भी थे जो अपनी तकनीक की जानकारी के कारण पुलिस के लिए परेशानी की वजह थे. ऐसा ही एक डाकू चार्ली राजा था, जिसने पुलिस की नाम में दम कर रखा था.
उस वक्त पुलिस साइकिल से चला करती थी, तो चार्ली राजा ने अपनी साइकिल में पेट्रोल इंजन लगा रखा था और उसकी साइकिल मोपेड की तरह काम करती थी. पुलिस वाले अपनी साइकिल में पैडल मार-मारकर पस्त हो जाते थे और चार्ली उनसे बचने में कामयाब हो जाता था. लेकिन एमपी पुलिस ने अपने से एक कदम आगे चलने वाले चार्ली राजा को आखिरकार एनकाउंटर में ढेर कर दिया.
कैसी थी चाली राजा की साइकिल
डाकू चार्ली राजा की साइकिल की बात करें, तो ये साइकिल आज भी सागर स्थित जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी में रखी है. इसकी खासियत ये थी कि ये दिखती तो साइकिल की तरह थी, लेकिन काम मोपेड जैसा करती थी. क्योंकि उसने इसमें पेट्रोल वाला इंजन लगवाया था. उसने साइकिल को मोपेड की तरह मोडिफाई करवाया था. जिसे स्टार्ट करने के लिए पैडल मारना पड़ता था और स्टार्ट होते ही वह बिना पैडल मारे मोपेड की रफ्तार से भागने लगती थी. डकैत चार्ली राजा ने पुलिस से बचने के लिए ऐसा किया था.
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तब पुलिस अपराधियों की तलाश में साइकिल से ही खाक छाना करती थी. ऐसे में चार्ली राजा ने अपनी साइकिल को मोडिफाई कर मोपेड बना लिया. पुलिस जब भी चार्ली राजा के नजदीक पहुंचती, वह पैडल मारकर अपनी मोडिफाइड साइकिल को लेकर तेज रफ्तार से भाग जाता था. वैसे तो चार्ली राजा के आतंक और कारनामों का ज्यादा इतिहास नहीं मिलता है. लेकिन कहा जाता है कि 1960 से 1970 में चार्ली राजा ने पुलिस की नाक में दम करके रखा था और पुलिस को हर बार चकमा देकर भाग जाता था. लेकिन आखिरकार पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेरकर मारने में सफलता हासिल की थी.
पुलिस अकादमी के संग्रहालय में सुरक्षित रखी है साइकिल
फिलहाल चार्ली राजा की ये साइकिल पुलिस अकादमी में सुरक्षित रखी है. पुलिस और डकैतों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह कौतूहल का विषय है. पुलिस अकादमी की स्थापना 1906 में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के रूप में अंग्रेजों ने की थी. यहां के संग्रहालय में पुलिस ट्रेनिंग के इतिहास, पुलिस के हथियार, डकैतों के हथियार और उनके शौक के सामान, नकबजनी और चोरी में उपयोग आने वाले औजार के साथ कई अहम चीजें संग्रहित की गई हैं.
क्या कहते हैं जानकार
जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी में पदस्थ निरीक्षक हरीश दुबे बताते हैं "पुलिस और चोर का ऐसा नाता होता है कि पुलिस को उनसे एक कदम आगे होना पड़ता है. तब ही पुलिस उनको पकड़ पाती है. एक समय में डकैत चार्ली राजा ने अपनी साइकिल में मोटर फिट किए थे, ताकि उसकी साइकिल तेज भागे. उस समय पुलिस साइकिल से चलती थी और वह पकड़ में नहीं आता था. लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस ने उसको धराशायी किया. चार्ली राजा के धराशायी होने के बाद उसका जो सामान है, वह पुलिस अकादमी में रखा हुआ है. इसके जरिए हम पुलिस ट्रेनिंग में बताते है कि पुलिस इन्वेस्टिगेशन में आधुनिक तकनीक को लेकर भी अपडेट रहना पड़ता है. अगर हमें आधुनिक तकनीक की जानकारी नहीं है, तो हम अपना काम बेहतर तरीके से नहीं कर पाएंगे.