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2025 में हरियाणा की बेटी भरेगी खुशियाें की "उड़ान", पायलट बन परिवार का सपना करेगी सच - ZENITH GEHLAWAT WILL BECOME PILOT

हरियाणा के चरखी दादरी की बेटी जेनिथ नए साल 2025 में खुशियों की उड़ान भर कर अपने परिवार का सपना सच करने वाली है.

zenith gehlawat
जेनिथ गहलावत अपने परिवार के साथ (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 1, 2025, 8:16 PM IST

चरखी दादरी: हरियाणा की बेटियां हर फील्ड में दमखम के साथ आगे बढ़ रही हैं. खेती-बाड़ी हो या खेल का मैदान, सड़कों पर वाहन चलाना हो या आसमान की बुलंदियों में हवाई जहाज उड़ाना. हर क्षेत्र में वे परचम लहरा रही हैं. चरखी दादरी के कादमा में रहने वाली 107 वर्षीय बुजुर्ग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई का परिवार इनमें से एक है. महिला सशक्तिकरण के मामले में परिवार की तीसरी पीढ़ी मिसाल पेश कर रही है.

2025 में जेनिथ बनेगी पायलटः रामबाई की बेटी झोझू निवासी संतरा देवी कई खेल मुकाबलों में सैकड़ों मेडल अपने नाम कर चुकी हैं, वहीं संतरा देवी की बेटी शर्मिला दिल्ली में डीटीसी की बस चला रही हैंं. अब शर्मिला की बेटी जेनिथ गहलावत 2025 में आधिकारिक रूप से पायलट बनकर हवाई जहाज उड़ाएंगी. पिता की मौत के बाद जेनिथ गहलावत ने परिवार के सपने को सच करने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दी. दिन रात मेहनत कर परिवार के सपने को पूरा किया.

जेनिथ गहलावत की उड़ान (Etv Bharat)

62 घंटों के प्रशिक्षण के बाद मिलेगा सर्टिफिकेटः पायलट बनने के लिए जेनिथ ने अपनी मां शर्मिला सांगवान के संरक्षण में सभी परीक्षाओं को पास करने के बाद नारनौल में प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला लिया. वर्तमान में वहां प्रशिक्षणरत है. व्यवसायिक पायलट बनने के लिए कुल 200 घंटे का प्रशिक्षण जरूरी है. जेनिथ का 200 घंटे में मात्र 62 घंटों का प्रशिक्षण शेष रह गया है. इसे पूरा करने के बाद जेनिथ को सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इसके बाद वो आधिकारिक तौर पर बतौर पायलट उड़ान भरेगी.

पिता की मौत के बाद से मेरी मां ने माता-पिता की दोहरी भूमिका में मेरा लालन-पालन किया. मेरे हर सपनों को पूरा करने में वो मेरे साथ खड़ी रहीं. अब 2025 में मेरा सपना पूरा होने वाला है. बचपन में पायलट बनने का सपना देखा था, वो पूरा होने जा रहा है. -जेनिथ गहलावत, प्रशिक्षु पायलट

रामबाई ने 100 वर्ष के बाद शुरू किया था खेलनाः बता दें कि चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी 108 वर्षीय अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 200 मेडल जीतकर रिकार्ड बना चुकी हैं. रामबाई ने 100 वर्ष से अधिक आयु में खेलना शुरू किया था. रामबाई की बेटी संतरा देवी और शर्मिला सांगवान भी मेडलों का शतक पूरा कर चुकी हैं. रामबाई की बेटी शर्मिला की बेटी जेनिथ अब पायलट बनने वाली है.

zenith gehlawat
जेनिथ गहलावत (Etv Bharat)

17 साल पहले हुई थी पति की मौतः चरखी दादरी के गांव झोझू कलां निवासी शर्मिला देवी ने बताया कि करीब 17 साल पहले मेरे पति का सड़क हादसे में निधन हो गया था. हादसे के बाद से ही मायके में रहने लगी. शुरू से बेटी काे पायलट बनने का सपना था. बेटी के सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली में डीटीसी की नौकरी करते हुए उसे प्रशिक्षण दिलाया. अब बेटी सपना पूरा करने जा रही है.

हरियाणा की "बेटी" की आसमान में ऊंची "उड़ान", दिल्ली में मां चला रही डीटीसी बस, परिवार की "उड़नपरी दादी" बना चुकी रिकॉर्ड - HARYANA DAUGHTER FLYING AIRPLANE

चरखी दादरी: हरियाणा की बेटियां हर फील्ड में दमखम के साथ आगे बढ़ रही हैं. खेती-बाड़ी हो या खेल का मैदान, सड़कों पर वाहन चलाना हो या आसमान की बुलंदियों में हवाई जहाज उड़ाना. हर क्षेत्र में वे परचम लहरा रही हैं. चरखी दादरी के कादमा में रहने वाली 107 वर्षीय बुजुर्ग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई का परिवार इनमें से एक है. महिला सशक्तिकरण के मामले में परिवार की तीसरी पीढ़ी मिसाल पेश कर रही है.

2025 में जेनिथ बनेगी पायलटः रामबाई की बेटी झोझू निवासी संतरा देवी कई खेल मुकाबलों में सैकड़ों मेडल अपने नाम कर चुकी हैं, वहीं संतरा देवी की बेटी शर्मिला दिल्ली में डीटीसी की बस चला रही हैंं. अब शर्मिला की बेटी जेनिथ गहलावत 2025 में आधिकारिक रूप से पायलट बनकर हवाई जहाज उड़ाएंगी. पिता की मौत के बाद जेनिथ गहलावत ने परिवार के सपने को सच करने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दी. दिन रात मेहनत कर परिवार के सपने को पूरा किया.

जेनिथ गहलावत की उड़ान (Etv Bharat)

62 घंटों के प्रशिक्षण के बाद मिलेगा सर्टिफिकेटः पायलट बनने के लिए जेनिथ ने अपनी मां शर्मिला सांगवान के संरक्षण में सभी परीक्षाओं को पास करने के बाद नारनौल में प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला लिया. वर्तमान में वहां प्रशिक्षणरत है. व्यवसायिक पायलट बनने के लिए कुल 200 घंटे का प्रशिक्षण जरूरी है. जेनिथ का 200 घंटे में मात्र 62 घंटों का प्रशिक्षण शेष रह गया है. इसे पूरा करने के बाद जेनिथ को सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इसके बाद वो आधिकारिक तौर पर बतौर पायलट उड़ान भरेगी.

पिता की मौत के बाद से मेरी मां ने माता-पिता की दोहरी भूमिका में मेरा लालन-पालन किया. मेरे हर सपनों को पूरा करने में वो मेरे साथ खड़ी रहीं. अब 2025 में मेरा सपना पूरा होने वाला है. बचपन में पायलट बनने का सपना देखा था, वो पूरा होने जा रहा है. -जेनिथ गहलावत, प्रशिक्षु पायलट

रामबाई ने 100 वर्ष के बाद शुरू किया था खेलनाः बता दें कि चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी 108 वर्षीय अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 200 मेडल जीतकर रिकार्ड बना चुकी हैं. रामबाई ने 100 वर्ष से अधिक आयु में खेलना शुरू किया था. रामबाई की बेटी संतरा देवी और शर्मिला सांगवान भी मेडलों का शतक पूरा कर चुकी हैं. रामबाई की बेटी शर्मिला की बेटी जेनिथ अब पायलट बनने वाली है.

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जेनिथ गहलावत (Etv Bharat)

17 साल पहले हुई थी पति की मौतः चरखी दादरी के गांव झोझू कलां निवासी शर्मिला देवी ने बताया कि करीब 17 साल पहले मेरे पति का सड़क हादसे में निधन हो गया था. हादसे के बाद से ही मायके में रहने लगी. शुरू से बेटी काे पायलट बनने का सपना था. बेटी के सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली में डीटीसी की नौकरी करते हुए उसे प्रशिक्षण दिलाया. अब बेटी सपना पूरा करने जा रही है.

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