चरखी दादरी: हरियाणा सरकार ने भले ही किसानों से गेहूं के दाने-दाने की खरीद के दावे किए हों, लेकिन मंडी में गेहूं उठान की धीमी प्रक्रिया के चलते जमीन पर अन्न का अनादर हो रहा है. मंडी के चारों तरफ सड़क पर ही गेहूं और सरसों बिखरा पड़ा है. इस पर दिनभर किसानों के वाहन गुजर रहे हैं. पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सरसों जमीन पर भीग गया और गेहूं की गुणवत्ता में खासी कमी आई है. हालात ऐसे हो गए हैं कि गेहूं के लोथड़े बन गए हैं.
IAS ने लिया अनाज मंडी का जायजा: आढ़तियों ने फसल उठान कंपनी के अलावा अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी आरोप लगाए हैं. वहीं, मंडी का जायजा लेने पहुंचे IAS अधिकारी के सामने आढ़तियों ने अपना दुखड़ा सुनाया. आईएएस देवेंद्र सिंह ने अधिकारियों को व्यवस्था बारे दिशा-निर्देश दिए हैं. बाढड़ा बस स्टैंड में अस्थाई मंडी का भी समाधान करने की बात कही है.
अन्न का हो रहा अनादर: खरीद एजेंसियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते दादरी की मंडी में अन्न का अनादर हो रहा है. मंडी में हजारों टन गेहूं खुले में पड़ा है, तो कहीं पर जगह नहीं होने के कारण किसान सड़कों पर ही फसल डालने को मजबूर हो रहे हैं. हालात ऐसे बने हुए हैं कि मंडी में चारों तरफ अनाज के ढेर लगे हैं. ऐसे में खरीद प्रक्रिया पर भी खासा असर पड़ रहा है. मंडियों में अनाज डालने के लिए किसानों के साथ आढ़तियों को भी काफी परेशानी हो रही है.
'बारिश में फसल होगी खराब': आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की लचर प्रणाली व उदासीन रवैये के चलते आढ़तियों को काफी नुकसान हो रहा है. आढ़तियों ने कहा कि समय पर उठान नहीं हुआ तो बारिश से गेहूं को नुकसान हुआ है. उठान एजेंसी द्वारा सिर्फ फॉर्मेलिटी की जा रही है. अगर ऐसा ही रहा तो बारिश होने पर काफी नुकसान हो सकता है.
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