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नोएडा: स्टेलर ग्रुप पर 52 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में आरोप पत्र दाखिल, जानें पूरा मामला - NOIDA 52 CRORE FRAUD CASE

Chargesheet filed against Stellar Group: नोएडा पुलिस ने स्टेलर ग्रुप की कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ 52 करोड़ के गबन व धोखाधड़ी मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है.

नोएडा धोखाधड़ी मामला
नोएडा धोखाधड़ी मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 10, 2024, 10:16 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: 52 करोड़ के गबन व धोखाधड़ी मामले में नोएडा सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने स्टेलर ग्रुप की कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. बताया जा रहा है कि इस मामले में जल्द न्यायालय की ओर से फैसला आएगा. डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप पर 52 करोड़ के गबन और फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी करने का मुकदमा 2022 में दर्ज हुआ था. इसमें कुल 8 लोगों को नामजद किया गया है. मामले की जांच अपराध शाखा द्वारा की जा रही है.

2018 में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रोजेक्ट के लिए 55 करोड़ रुपये अलॉट किए थे. इन पैसों का इस्तेमाल सिर्फ प्रोजेक्ट के लिए ही होना था, जबकि डीएमआई फाइनेंस लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने इन पैसों का इस्तेमाल अपने निजी कर्जों को चुकाने में किया. यह सब समझौते का उल्लंघन करते हुए किया गया. इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी बनाए गए.

आरोप है कि डीएमआई ग्रुप ने अलॉट किए गए 55 करोड़ रुपये में से 33 करोड़ रुपए एक कंपनी को जारी किए. फिर उस रुपए को दूसरी कंपनी को ट्रांसफर किया गया. जिसके बाद इन पैसों को डीएमआई ग्रुप का लोन चुकाने में इस्तेमाल किया गया. इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद अभि कम्प्यूसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

हाईकोर्ट ने पूरे मामले में दिया स्टे: हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ लगे आरोपों पर स्टे लगा दिया है. जबकि, स्टेलर ग्रुप की कंपनियों के प्रतिनिधियों खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए थे. मुकदमा भी पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर ही दर्ज किया था.

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2018 में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक प्रोजेक्ट के लिए 55 करोड़ रुपये अलॉट किए थे. इन पैसों का इस्तेमाल सिर्फ प्रोजेक्ट के लिए ही होना था, जबकि डीएमआई फाइनेंस लिमिटेड और स्टेलर ग्रुप की कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने इन पैसों का इस्तेमाल अपने निजी कर्जों को चुकाने में किया. यह सब समझौते का उल्लंघन करते हुए किया गया. इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी बनाए गए.

आरोप है कि डीएमआई ग्रुप ने अलॉट किए गए 55 करोड़ रुपये में से 33 करोड़ रुपए एक कंपनी को जारी किए. फिर उस रुपए को दूसरी कंपनी को ट्रांसफर किया गया. जिसके बाद इन पैसों को डीएमआई ग्रुप का लोन चुकाने में इस्तेमाल किया गया. इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद अभि कम्प्यूसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

हाईकोर्ट ने पूरे मामले में दिया स्टे: हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में डीएमआई फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ लगे आरोपों पर स्टे लगा दिया है. जबकि, स्टेलर ग्रुप की कंपनियों के प्रतिनिधियों खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए थे. मुकदमा भी पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर ही दर्ज किया था.

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