रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव आजम खान की पत्नी और दोनों बेटों सहित 12 लोगों पर किसानों की जमीन कबजाने को लेकर पांच मुकदमों में आरोप तय हो गए हैं. कोर्ट में डाली गई आजम खान की डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज कर दिया गया है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 में को होगी.
सपा नेता आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर विश्वविद्यालय हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस विश्वविद्यालय के लिए किसानों की ज़मीन कब्जा करने को लेकर 30 किसानों ने थाना अजीम नगर में मुकदमे दर्ज कराए थे. उनका आरोप था आजम खान ने जबरन उनकी जमीन जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली है. बरहाल इन 30 मामलों में आजम खान पर आरोप तय हो गए हैं.
वहीं इस मामले पर अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि वर्ष 2019 में थाना अजीम नगर क्षेत्र के निवासी किसानों द्वारा मुकदमा लिखाया गया था. जिसमें कहा गया था कि मोहम्मद आजम खान ने जबरदस्ती उनकी जमीनों को कब्जे में लेकर विश्वविद्यालय में मिला लिया है. इसके संबंध में 30 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इससे पहले और मुकदमों में आरोप तय हो चुके थे और शेष पांच मुकदमों में आज आरोप तय होने थे. इस मामले में आजम खान, उनकी पत्नी ताज़ीन फातिमा, दोनों बेटे अदीब आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान, तत्कालीन थाना अध्यक्ष कुशल वीर, रिटायर्ड सीओ
आले हसन खान, विधायक नसीर अहमद खान सहित सभी 12 लोग अभियुक्त हैं. सभी अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप तय हो गए हैं और अगली तारीख 23 में है.
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