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रिटायरमेंट के बाद जागा पढ़ाई का जुनून, 65 में LLB, 72 साल में MA पास , अब क्रिमिनल जस्टिस में कर रहे PG

Passion for studies after retirement: रिटायरमेंट के बाद जहां लोग सुकून की तलाश करते हैं, वहीं नोएडा के निवासी चंद्रशेखर मिश्र ने नई शुरुआत की है. उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य प्रबंधक के पद से रिटायर होने के बाद दोबारा पढ़ाई शुरू की 65 साल में LLB, 70 में ली MA पॉलिटिकल साइंस की डिग्री.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 21, 2024, 4:47 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 2:33 PM IST

चंद्रशेखर मिश्र ने रिटायरमेंट के 12 साल बाद डिग्री हासिल की है

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कहा जाता है कि पढ़ने लिखने और शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती है. नोएडा के रहने वाले चंद्रशेखर मिश्र ने इसे सच साबित कर दिया है. 72 साल की उम्र में चंद्रशेखर मिश्र ने पॉलिटिकल साइंस में एमए की डिग्री हासिल की है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य प्रबंधक के पद पर तैनात चंद्रशेखर मिश्र ने रिटायरमेंट के 12 साल बाद डिग्री हासिल की है. 40 साल तक सेवाएं देने के बाद 2013 में चंद्रशेखर मिश्र स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त हुए थे.

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने वक्त का सही इस्तेमाल करने का मन बनाया. लक्ष्य निर्धारित किया. टाइम्टबेल तैयार कर पढ़ाई की और आज अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामियाब हुए. मूल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले चंद्रशेखर मिश्र ने इलाहाबाद के स्टेट बैंक में तकरीबन 40 साल तक सेवा दी. चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि 2013 में रिटायर हुआ. अक्सर रिटायर होने के बाद लोगों को लगता है कि उन्होंने जिंदगी में खूब मेहनत की और अब आराम करने का वक्त आ गया है.

चंद्रशेखर ने कहा कि रिटायर होने से चंद महीने पहले ही मैंने तय कर लिया था कि मैं रिटायर होने के बाद शिक्षा ग्रहण करुंगा. रिटायर होने के बाद अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद में एलएलबी में रेगुलर एडमिशन लिया. 2017 में एलएलबी की. एलएलबी के पश्चात बार काउंसिल ऑफ इंडिया का एग्जाम दिया और आज मैं बार काउंसिल आफ इंडिया का सदस्य हूं. चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि एलएलबी कंप्लीट होने के बाद इग्नू से मास्टर ऑफ पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन लिया.

इग्नू से मास्टर्स ऑफ पॉलिटिकल साइंस करने के दौरान सभी असाइनमेंट भी खुद तैयार किए. इग्नू से जो भी स्टडी मैटेरियल मिला था उसी से परीक्षाओं की तैयारी करनी थी, तो ऐसे में हर दिन तकरीबन पांच घंटे सेल्फ स्टडी को दिए. IGNOU से फर्स्ट डिवीजन से एमए इन पॉलिटिकल साइंस पास किया. आज दिल्ली में आयोजित हुए कार्यक्रम में इग्नू द्वारा डिग्री दी गई है. मिश्रा कहते हैं कि पढ़ाई को इसी तरह आगे भी जारी रखूंगा. फिलहाल मैं इग्नू से MA इन सोशियोलॉजी कर रहा हूं. प्रथम वर्ष पूरा हो चुका है.

क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें चंद्रशेखर
क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें चंद्रशेखर

नए कानून के अनुसार, दो डिग्रियां एक साथ ली जा सकती हैं ऐसे में मैं क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहा हूं. मिश्रा का उद्देश्य है कि वह जो भी ज्ञान अर्जित किया है. उसका समाज के हित में प्रयोग कर सकें. चंद्रशेखर मिश्र की एक बेटी अमेरिका और एक बेटा न्यूजीलैंड में रहता है. साल में तकरीबन 4 महीने वह अपनी बेटी और बेटे के साथ बिताते हैं. विदेश ट्रिप के दौरान भी मिश्रा की पढ़ाई पर विराम नहीं लगता. मिश्रा को टेक्नोलॉजी की भी खूब नॉलेज है.

चंद्रशेखर मिश्र ने रिटायरमेंट के 12 साल बाद डिग्री हासिल की है

नई दिल्ली/गाजियाबाद: कहा जाता है कि पढ़ने लिखने और शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती है. नोएडा के रहने वाले चंद्रशेखर मिश्र ने इसे सच साबित कर दिया है. 72 साल की उम्र में चंद्रशेखर मिश्र ने पॉलिटिकल साइंस में एमए की डिग्री हासिल की है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मुख्य प्रबंधक के पद पर तैनात चंद्रशेखर मिश्र ने रिटायरमेंट के 12 साल बाद डिग्री हासिल की है. 40 साल तक सेवाएं देने के बाद 2013 में चंद्रशेखर मिश्र स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त हुए थे.

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपने वक्त का सही इस्तेमाल करने का मन बनाया. लक्ष्य निर्धारित किया. टाइम्टबेल तैयार कर पढ़ाई की और आज अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कामियाब हुए. मूल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले चंद्रशेखर मिश्र ने इलाहाबाद के स्टेट बैंक में तकरीबन 40 साल तक सेवा दी. चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि 2013 में रिटायर हुआ. अक्सर रिटायर होने के बाद लोगों को लगता है कि उन्होंने जिंदगी में खूब मेहनत की और अब आराम करने का वक्त आ गया है.

चंद्रशेखर ने कहा कि रिटायर होने से चंद महीने पहले ही मैंने तय कर लिया था कि मैं रिटायर होने के बाद शिक्षा ग्रहण करुंगा. रिटायर होने के बाद अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद में एलएलबी में रेगुलर एडमिशन लिया. 2017 में एलएलबी की. एलएलबी के पश्चात बार काउंसिल ऑफ इंडिया का एग्जाम दिया और आज मैं बार काउंसिल आफ इंडिया का सदस्य हूं. चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि एलएलबी कंप्लीट होने के बाद इग्नू से मास्टर ऑफ पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन लिया.

इग्नू से मास्टर्स ऑफ पॉलिटिकल साइंस करने के दौरान सभी असाइनमेंट भी खुद तैयार किए. इग्नू से जो भी स्टडी मैटेरियल मिला था उसी से परीक्षाओं की तैयारी करनी थी, तो ऐसे में हर दिन तकरीबन पांच घंटे सेल्फ स्टडी को दिए. IGNOU से फर्स्ट डिवीजन से एमए इन पॉलिटिकल साइंस पास किया. आज दिल्ली में आयोजित हुए कार्यक्रम में इग्नू द्वारा डिग्री दी गई है. मिश्रा कहते हैं कि पढ़ाई को इसी तरह आगे भी जारी रखूंगा. फिलहाल मैं इग्नू से MA इन सोशियोलॉजी कर रहा हूं. प्रथम वर्ष पूरा हो चुका है.

क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें चंद्रशेखर
क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहें चंद्रशेखर

नए कानून के अनुसार, दो डिग्रियां एक साथ ली जा सकती हैं ऐसे में मैं क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएट भी कर रहा हूं. मिश्रा का उद्देश्य है कि वह जो भी ज्ञान अर्जित किया है. उसका समाज के हित में प्रयोग कर सकें. चंद्रशेखर मिश्र की एक बेटी अमेरिका और एक बेटा न्यूजीलैंड में रहता है. साल में तकरीबन 4 महीने वह अपनी बेटी और बेटे के साथ बिताते हैं. विदेश ट्रिप के दौरान भी मिश्रा की पढ़ाई पर विराम नहीं लगता. मिश्रा को टेक्नोलॉजी की भी खूब नॉलेज है.

Last Updated : Feb 22, 2024, 2:33 PM IST
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