चंडीगढ़: यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ को भिखारी मुक्त शहर बनाने की मुहिम चलाई है, जिसके लिए शहर भर में 8 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. ये अभियान शहर में भिक्षावृत्ति को समाप्त करने और जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के तरीके को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. चंडीगढ़ के विभिन्न विभाग इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. पुलिस विभाग, मानव तस्करी रोधी इकाई और केंद्र शासित प्रदेश बाल संरक्षण इकाई के सहयोग से बचाव अभियान चलाया जाएगा.
"ट्रैफिक सिग्नल से चीजें न खरीदें" : आबकारी विभाग सड़क पर भीख मांगने और शोषण पर अंकुश लगाने के लिए बाजार क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाएगा. स्कूली शिक्षा विभाग भिक्षावृत्ति के सामाजिक प्रभावों के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्कूलों में जागरूकता बढ़ाएगा. इसके अतिरिक्त, एनएसएस स्वयंसेवक जागरूकता फैलाने और भिक्षा देने को हतोत्साहित करने के लिए फ्लैश मॉब के माध्यम से जनता को शामिल करेंगे. इस मौके पर प्रशासक के सलाहकार ने चंडीगढ़ के नागरिकों से आग्रह किया कि वे भिखारियों को भीख ना दें और सड़कों, ट्रैफिक सिग्नल और गोल चक्कर में बच्चों से चीजें न खरीदें, ताकि भीख, बाल तस्करी और बाल श्रम की समस्याओं पर अंकुश लगाया जा सके.
21 से 28 अक्टूबर तक चलेगा अभियान : ऐसे में चंडीगढ़ के नागरिकों को 21 से 28 अक्टूबर 2024 तक चुने गए 'नेकी की दीवार' वाली जगहों पर मोजे, दस्ताने, जूते, मफलर, स्कार्फ और स्कूल की आपूर्ति जैसी सर्दियों की आवश्यक वस्तुओं को दान करके योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. ये नेकी की दीवार नारी निकेतन, सेक्टर 26 वृद्धाश्रम, सेक्टर 15, 43 और सेक्टर 39 में बनेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि 'नेकी की दीवार' पर किए गए दान से जरूरतमंद महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में खुशी आएगी. सलाहकार राजीव वर्मा ने समाज कल्याण विभाग, यूटी चंडीगढ़ को हैशटैग 'भिखारी मुक्त चंडीगढ़' के साथ टैग करते हुए नागरिकों से ये भी आग्रह किया कि इस तरह के परोपकार के कामों को कैमरे में कैद किया जाए और सोशल मीडिया पर सेल्फी पोस्ट की जाए. उन्होंने कहा कि आइए हम सभी शहर को भिखारियों से मुक्त शहर के रूप में सुंदर बनाने के लिए आगे आएं.
इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ पीजीआई वर्कर्स की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे सभी कर्मचारी