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चंडीगढ़ में लोगों ने निकाला कैंडल मार्च, बिजली व्यवस्था के निजीकरण के खिलाफ किया प्रदर्शन, समझौता रद्द करने की मांग - ELECTRICITY PRIVATIZATION PROTEST

Candle March In Chandigarh: चंडीगढ़ में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का विरोध लगातार तेज हो रहा है.

Electricity Privatization Protest
बिजली के निजीकरण का विरोध (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 3 hours ago

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से राज्य में बिजली व्यवस्था के निजीकरण के फैसले के विरोध में चंडीगढ़ शहर में स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान मार्च में शामिल लोग बिजली का निजीकरण बंद करो, भाजपा सरकार होश में आओ, भाजपा सरकार तुम्हारी तानाशाही नहीं चलेगी.. सहित कई नारे बुलंद कर रहे थे.

निजीकरण से उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझः बिजली का निजीकरण करने वाले लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ के निवासियों पर इससे भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा. उनके बिजली के बिल कई गुना बढ़ जाएंगे. सरकार का यह फैसला आम जनता को लूटने और एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का प्रयास है. इसे आम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया जायेगा.

बिजली के निजीकरण के विरोध में कैंडल मार्च (Etv)
निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करे सरकारः
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, राजनीतिक दलों, नगर पार्षदों, उद्योगपतियों, दुकानदारों और सभी हितधारकों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की थी. लक्की ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करें. लक्की ने कहा, प्रशासक एक अनुभवी राजनेता हैं और वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं. मुझे विश्वास है कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और हमें उनसे न्याय की उम्मीद है.टेंडरिंग में गड़बड़ी का आरोपः शहरवासियों का कहना है कि यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि एक भ्रष्ट कंपनी के साथ बिजली के लिए यह डील दी गई है. इस डील में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं. यह अविश्वसनीय है कि कोई ग्लोबल टेंडरिंग नहीं की गई और इसके बजाय ऑफ लाइन टेंडर आमंत्रित किए गए. इसके लिए ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए जाने चाहिए थे. वर्तमान कंपनी को टेंडर वापस बुलाकर भाग लेने का विशेष अवसर दिया गया.

1 रुपये की कीमत पर संपत्तियों का हंस्तारण का आरोपः राज्य का बिजली विभाग बीते कई सालों से लाभ में रहा है और चंडीगढ़ में बिना किसी बड़ी शिकायत के अच्छी सेवा दे रहा है. यह आश्चर्य की बात है कि ऐसा लाभ कमाने वाला विभाग अब एक ऐसी कंपनी को दिया जा रहा है, जिसे बिजली वितरण को संभालने का कोई अनुभव नहीं है और सभी संपत्तियां 1 रुपये की मामूली कीमत पर हस्तांतरित की जा रही हैं, जो उक्त कंपनी को लाभ पहुंचाने के गुप्त इरादे को दर्शाता है.

Candle march against privatization of electricity system
बिजली के निजीकरण के विरोध में कैंडल मार्च (Etv Bharat)

निजीकरण से महंगी होगी बिजलीः कांग्रेस नेता लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ में बिजली की दरें सबसे कम हैं और कंपनी को विभाग सौंपने से चंडीगढ़ के निवासियों पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और आने वाले दिनों में निवासियों को बिजली के बिलों में भारी नुकसान होगा. घरेलू यूनिट की न्यूनतम दर अब 2 महीने में 300 यूनिट तक 2.75 पैसे हो गई है, जो कई गुना बढ़ जाएगी. यह चंडीगढ़ की आम जनता के हितों के लिए हानिकारक होगी. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासक को सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में इस सौदे को तुरंत रद्द कर देना चाहिए.

चंडीगढ़ सांसद निजीकरण के विरोध मेंः बता दें कि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने भी बिजली के निजीकरण के लिए यूटी पावर मैन यूनियन की ओर से जारी विरोध का समर्थन किया है. इस जनहित के मुद्दे को पहले भी कई प्लेटफार्म पर उठाया गया है.
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस.लकी के नेतृत्व में राम दरबार और औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में मोमबत्ती जुलूस निकाला. दुकानदारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने मोमबत्ती लेकर निजीकरण के खिलाफ नारे लगाए.

निजी कंपनी का मकसद मुनाफा कमानाः सभा को संबोधित करते हुए लकी ने एक बार फिर प्रशासक और चंडीगढ़ प्रशासन से एमिनेंट कंपनी के साथ इस सौदे को रद्द करने का आग्रह किया. लकी ने कहा कि कांग्रेस शहरवासियों के लिए चिंतित है, जिन्हें अंततः इस सौदे का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. बिजली की दरें बढ़ना तय है, क्योंकि निजी कंपनी का मकसद सेवा के बजाय मुनाफा कमाना होगा.

कई संगठन कर रहे हैं विरोधः कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस.लकी ने कहा कि पिछले कई दिनों से शहरवासी और विभाग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. लकी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को और तेज करने जा रही है. आज के विरोध प्रदर्शन के आयोजन में सोनिया, गुरचरण सिंह, बरिंदर राय, ओमपाल चौटाला, रोहित, साहिल कल्याण, सुरिंदर कुमार, बी एन तिवारी सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल थे.

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निजीकरण से उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बोझः बिजली का निजीकरण करने वाले लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ के निवासियों पर इससे भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा. उनके बिजली के बिल कई गुना बढ़ जाएंगे. सरकार का यह फैसला आम जनता को लूटने और एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का प्रयास है. इसे आम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया जायेगा.

बिजली के निजीकरण के विरोध में कैंडल मार्च (Etv)
निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करे सरकारः चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, राजनीतिक दलों, नगर पार्षदों, उद्योगपतियों, दुकानदारों और सभी हितधारकों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की थी. लक्की ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करें. लक्की ने कहा, प्रशासक एक अनुभवी राजनेता हैं और वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं. मुझे विश्वास है कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और हमें उनसे न्याय की उम्मीद है.टेंडरिंग में गड़बड़ी का आरोपः शहरवासियों का कहना है कि यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि एक भ्रष्ट कंपनी के साथ बिजली के लिए यह डील दी गई है. इस डील में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं. यह अविश्वसनीय है कि कोई ग्लोबल टेंडरिंग नहीं की गई और इसके बजाय ऑफ लाइन टेंडर आमंत्रित किए गए. इसके लिए ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए जाने चाहिए थे. वर्तमान कंपनी को टेंडर वापस बुलाकर भाग लेने का विशेष अवसर दिया गया.

1 रुपये की कीमत पर संपत्तियों का हंस्तारण का आरोपः राज्य का बिजली विभाग बीते कई सालों से लाभ में रहा है और चंडीगढ़ में बिना किसी बड़ी शिकायत के अच्छी सेवा दे रहा है. यह आश्चर्य की बात है कि ऐसा लाभ कमाने वाला विभाग अब एक ऐसी कंपनी को दिया जा रहा है, जिसे बिजली वितरण को संभालने का कोई अनुभव नहीं है और सभी संपत्तियां 1 रुपये की मामूली कीमत पर हस्तांतरित की जा रही हैं, जो उक्त कंपनी को लाभ पहुंचाने के गुप्त इरादे को दर्शाता है.

Candle march against privatization of electricity system
बिजली के निजीकरण के विरोध में कैंडल मार्च (Etv Bharat)

निजीकरण से महंगी होगी बिजलीः कांग्रेस नेता लक्की ने कहा कि चंडीगढ़ में बिजली की दरें सबसे कम हैं और कंपनी को विभाग सौंपने से चंडीगढ़ के निवासियों पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और आने वाले दिनों में निवासियों को बिजली के बिलों में भारी नुकसान होगा. घरेलू यूनिट की न्यूनतम दर अब 2 महीने में 300 यूनिट तक 2.75 पैसे हो गई है, जो कई गुना बढ़ जाएगी. यह चंडीगढ़ की आम जनता के हितों के लिए हानिकारक होगी. इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासक को सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में इस सौदे को तुरंत रद्द कर देना चाहिए.

चंडीगढ़ सांसद निजीकरण के विरोध मेंः बता दें कि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने भी बिजली के निजीकरण के लिए यूटी पावर मैन यूनियन की ओर से जारी विरोध का समर्थन किया है. इस जनहित के मुद्दे को पहले भी कई प्लेटफार्म पर उठाया गया है.
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस.लकी के नेतृत्व में राम दरबार और औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में मोमबत्ती जुलूस निकाला. दुकानदारों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने मोमबत्ती लेकर निजीकरण के खिलाफ नारे लगाए.

निजी कंपनी का मकसद मुनाफा कमानाः सभा को संबोधित करते हुए लकी ने एक बार फिर प्रशासक और चंडीगढ़ प्रशासन से एमिनेंट कंपनी के साथ इस सौदे को रद्द करने का आग्रह किया. लकी ने कहा कि कांग्रेस शहरवासियों के लिए चिंतित है, जिन्हें अंततः इस सौदे का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. बिजली की दरें बढ़ना तय है, क्योंकि निजी कंपनी का मकसद सेवा के बजाय मुनाफा कमाना होगा.

कई संगठन कर रहे हैं विरोधः कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस.लकी ने कहा कि पिछले कई दिनों से शहरवासी और विभाग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. लकी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को और तेज करने जा रही है. आज के विरोध प्रदर्शन के आयोजन में सोनिया, गुरचरण सिंह, बरिंदर राय, ओमपाल चौटाला, रोहित, साहिल कल्याण, सुरिंदर कुमार, बी एन तिवारी सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल थे.

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