चंडीगढ़: नगर निगम चंडीगढ़ ने 2025-26 का 2114 करोड़ रुपए का कुल बजट पेश किया है. इसमें 249 करोड़ पिछले वित्तीय वर्ष 2024 -25 का घाटा निकाला गया है, जो लगातार फंडिंग की कमी को दर्शाता है. ऐसे में साफ है कि इस बार असल में बजट सिर्फ 1864.92 करोड़ रुपए का पेश हुआ है, जिसमें भी निगम ने पैसे जुटाने का प्लान बनाया है.
दरअसल, पिछले साल चंडीगढ़ प्रशासन से अनुदान के रूप में केवल ₹625 करोड़ रुपए ही नगर निगम को मिले थे. निगम ने अपने स्वयं के स्रोतों से ₹410 करोड़ जुटाने की योजना बनाई है, मुख्य रूप से संपत्ति कर और पानी के बिलों के माध्यम से ये वसूली की जाएगी. इन 1864.92 करोड़ रुपयों में बजट कैपिटल और रेवेन्यू हेड के लिए 1664.75 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
एमसी का सालाना खर्च ₹1,664 करोड़ : गौरतलब है कि 2025-26 के लिए, एमसी का सालाना खर्च ₹1,664 करोड़ है, जिसमें वेतन, पेंशन और अन्य आवर्ती व्यय के लिए ₹1,197 करोड़ और विकास परियोजनाओं के लिए ₹467 करोड़ खर्च होते हैं. हालांकि, पक्की देनदारियां - जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और उपयोगिता बिलों के लिए ₹900 करोड़ से अधिक का खर्च है. सालों से, एमसी घाटे का बजट पारित कर रहा है, चाहे उस पर किसी भी पार्टी का नियंत्रण हो, लेकिन उसे कभी भी डीएफसी की सिफारिशों के अनुसार धन नहीं मिला है. यहां तक की चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा पर्याप्त धन के लिए केंद्र सरकार से की गई पिछली अपीलों का भी कोई नतीजा नहीं निकला है.
केवल 347 करोड़ ही जुटा सका निगम : मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) में भी वित्तीय संकट स्पष्ट है. निगम ने अपने स्वयं के स्रोतों से ₹633 करोड़ जुटाने के लक्ष्य के साथ ₹2,325 करोड़ का बजट पेश किया था, लेकिन ओवरआल खर्च से पता चलता है कि वह केवल ₹347 करोड़ ही जुटा सका, जो उसके अनुमान का 55% से भी कम है. अतिरिक्त फंड का कोई आश्वासन न मिलने के कारण, एमसी को वित्तीय व्यवस्था के एक और वर्ष के लिए तैयार रहना पड़ रहा है.

"प्रशासक से बात की जा रही है" : मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि "नगर निगम के वित्तीय संकट को लेकर प्रशासक से लगातार बात की जा रही है. 21 फरवरी को होने वाली मीटिंग में साफ हो जाएगा कि चंडीगढ़ के प्रशासक नगर निगम की किस तरह मदद कर सकते हैं. उसके साथ ही हमें केंद्र से भी उम्मीद है कि वह हमारे दिए गए एस्टीमेट रिव्यू करते हुए नगर निगम को संकट से बाहर निकालेंगे."
इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ नगर निगम में अंदर चल रही थी बैठक, बाहर ठेकेदारों का प्रदर्शन, 6 माह से पेंडिंग है पैमेंट
इसे भी पढ़ें : चुनाव के बाद चंडीगढ़ नगर निगम की पहली बैठक, मेयर बबला बोलीं- मैं सदन की मर्यादा भंग नहीं होने दूंगी, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी