चंडीगढ़: कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी ने बीजेपी के उम्मीदवार संजय टंडन को खुली बहस की चुनौती दी है. उन्होंने किसी भी निष्पक्ष मंच पर राष्ट्रीय, स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर संजय टंडन को चर्चा के लिए चुनौती दी है, लेकिन इसके बाद इन दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर वॉर जारी हो गया है. मनीष तिवारी ने कहा कि संसद का मुख्य मकसद देश के लिए कानून बनाना और राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों पर भी चर्चा करना है.
मनीष तिवारी की संजय टंडन को चुनौती: मनीष तिवारी ने कहा "मैं बीजेपी के उम्मीदवार संजय टंडन को चुनौती देता हूं कि वो किसी भी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और चंडीगढ़ के मुद्दों को लेकर चर्चा के लिए मेरे सामने आए. मैं संजय टंडन के साथ किसी भी ऐसे मंच पर, जो ना कांग्रेस का हो, ना आम आदमी पार्टी का हो, ना ही बीजेपी का हो. मैं ऐसे मंच पर संजय टंडन से खुली बहस करने के लिए तैयार हूं. चंडीगढ़ के लोग फिर इसका मूल्यांकन करें कि जिसको विश्व संसद में भेज रहे हैं उसकी क्या क्षमता है. मैंने अपने सोशल मीडिया पर भी ये बात कही है कि मैं संजय टंडन जी से कहूंगा कि वे किसी भी निष्पक्ष मंच पर आकर मेरे साथ खुली बहस करें."
संजय टंडन ने किया पलटवार: इसके बाद संजय टंडन ने एक पर उनकी इस चुनौती पर रिएक्ट करते लिखा कि "तिवारी जी, कृपया पहले मतदाताओं को बताएं कि आपने पिछले चुनाव में लुधियाना से आनंदपुर साहिब और इस चुनाव में आनंदपुर साहिब से चंडीगढ़ का रुख क्यों किया है? आप इस बार आनंदपुर साहिब या लुधियाना में चुनाव लड़ने से क्यों भाग गए? खुली बहस के लिए कहने से पहले कृपया इसे स्पष्ट करें."
सोशल मीडिया पर दोनों आमने-सामने: संजय टंडन के इस रिएक्शन के बाद मनीष तिवारी ने भी एक्स पर रिएक्ट किया. उन्होंने लिखा " प्रिय संजय टंडन उर्फ अनिल मसीह जी. यदि आप में साहस का विश्वास है, तो कृपया खुली बहस के लिए मेरी चुनौती स्वीकार करें. मुझसे इस तरह के बेतुके सवाल पूछने से पहले कृपया ये भी याद रखें कि आपके पूज्य पिता स्वर्गीय बलराम जी टंडन, जिनके लिए मेरे मन में अत्यंत व्यक्तिगत सम्मान है, उन्होंने भी अमृतसर और राजपुरा विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था. आइए हम वास्तविक बने, कृपया भागे नहीं, आइए उन मुद्दों पर बहस करें जो चंडीगढ़ के सामने हैं और उन वैचारिक मुद्दों पर जो हमें अलग करते हैं. आइए इस चुनाव को 'उन्होंने कहा' में न बदलें. इसे विचारों और आख्यानों की लड़ाई होने दें. आओ और मेरे साथ बहस करो. मैं बहुत विनम्र और सज्जन बनने का वादा करता हूं"
मनीष तिवारी की खुली बहस की चुनौती अब तूल पकड़ रही है. सोशल मीडिया एक्स पर दोनों नेताओं के बीच तल्खी भी बढ़ रही है. मनीष तिवारी तो अब इस मुद्दे को लेकर संजय टंडन के स्वर्गीय पिता बलराम दास टंडन तक को भी इस लड़ाई में खींचकर ले आए हैं.