बगहा: पश्चिम चंपारण के बगहा के चखनी से रतवल होते हुए उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाली चंपारण तटबंध टूटने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं. जिलाधिकारी ने तत्काल एक्शन लेते हुए कार्यपालक अभियंता निशिकांत को निलंबित कर दिया है. साथ ही संवेदक पर भी कार्रवाई हुई है, लेकिन बगहा से भाजपा विधायक इस कार्रवाई से खुश नहीं हैं.
तटबंध टूटने पर फूटा बीजेपी विधायक का गुस्सा: बगहा के बीजेपी विधायक राम सिंह ने जलसंसाधन विभाग के उन तमाम अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है जो चंपारण तटबंध की सुरक्षा और निगरानी में तैनात थे. विधायक ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की मिली भगत से संवेदक जियो बैग में उनके सामने सिल्ट की जगह मिट्टी भर रहे हैं और वह भी मापदंड के वजन से काफी कम भरा जा रहा है.
अधिकारियों पर लापरवाही का लगाया आरोप: दरअसल विधायक का आरोप है कि जिस जगह जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कैंप था, वहीं पर बांध टूट गया है. इससे हास्यास्पद क्या हो सकता है कि अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद बांध ध्वस्त हो गया है. उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि आपलोग मीट चावल की पार्टी करने में व्यस्त थे और ग्रामीणों द्वारा सीपेज़ की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने कई जगह खुद से सीपेज की मरम्मत की.
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"चंपारण तटबंध की निगरानी में लगे अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती है. जिसकी शिकायत मैं सीएम समेत जल संसाधन विभाग के मंत्री से करूंगा. सबपर कार्रवाई होना चाहिए. सरकार के पैसों का दुरुपयोग और जनता के फसल, मकान के साथ खिलवाड़ किया गया है. एक दो अधिकारियों पर कार्रवाई करने से कुछ नहीं होगा."- राम सिंह , विधायक, बीजेपी, बगहा
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सभी दोषियों पर कार्रवाई की मांग: बिहार सरकार के विधायक राम सिंह ने कहा की महज कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई ठीक नहीं है. सभी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. बता दें कि गंडक नदी में रिकॉर्ड 5 लाख 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी उफना गई और दियारा इलाके में जलस्तर बढ़ने की वजह से तटबंध पानी के दबाव को नहीं झेल सका. लिहाजा रविवार को दोपहर बाद अचानक चंपारण तटबंध का एक बड़ा हिस्सा टूट गया, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया.
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चंपारण तटबंध तकरीबन 38 फीट ध्वस्त: चखनी से रतवल समेत यूपी को जोड़ने वाला चंपारण तटबंध तकरीबन 38 फीट ध्वस्त हुआ है. जिसके बाद मरम्मती कार्य तेज गति से किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण समेत खुद विधायक का आरोप है कि अधिकारियों की मौजूदगी में जियो बैग में सिल्ट की जगह मिट्टी भरा जा रहा है और वह भी मापदंड के मुताबिक वजन में आधा है. बता दें कि जिलाधिकारी और एसडीएम लगातार मरम्मती कार्य पर नजर बनाए हुए हैं और बांध के दोनों तरफ से कटावरोधी कार्य चल रहा है.
गंडक नदी के जलस्तर में आई कमी: फिलहाल गंडक नदी का जलस्तर काफी कम हुआ है, जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है और तटबंध मरम्मती के कार्य में 24 घंटे लगातार जुटी हुई है. संभावना जताई जा रही है कि हफ्ते भर में बांध को दुरुस्त कर लिया जाएगा. जिसके बाद इस रास्ते से आवागमन सुचारू रूप से चालू हो जाएगा.
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