रांची: झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने फ्लोर टेस्ट में भाग लिया और सरकार के समर्थन में वोट किया. सदन की कार्रवाई के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों का भी जवाब दिया और बताया कि उन्हें इस्तीफा क्यों देना पड़ा.
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने विश्वास मत हासिल करने पर हेमंत सोरेन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उन्हें संतोष है कि उनके पांच महीने बतौर सीएम का कार्यकाल आइने की तरह साफ है. अब यह झारखंड मुक्ति मोर्चा संगठन और महागठबंधन की जिम्मेदारी है कि वह तय करें कि उनकी भूमिका सरकार में रहेगी या संगठन को मजबूत करने में होगी. उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें मंत्री बनाए जाने या नहीं बनाए जाने की कोई जानकारी नहीं है.
विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में सत्ता परिवर्तन की जरूरत क्यों पड़ी? इसे लेकर मीडिया ने उनसे सवाल किया. जिसके जवाब में चंपाई सोरेन ने कहा कि 2019 में राज्य की जनता ने हेमंत बाबू को 5 साल के लिए जनादेश दिया था. ऐसी राजनीतिक स्थिति आई कि 5 साल के बीच में ही नेतृत्व परिवर्तन कर उन्हें मुझे मुख्यमंत्री बनाना पड़ा, लेकिन अब जब जमानत के बाद हेमंत सोरेन हमारे बीच हैं, तो स्वाभाविक रूप से उन्हें ही मुख्यमंत्री होना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्योंकि हेमंत सोरेन को 5 साल के लिए जनादेश मिला था, इसलिए यह पूछना उचित नहीं है कि सत्ता परिवर्तन की जरूरत क्यों पड़ी.
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन कांग्रेस को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब से बचते नजर आए. उनसे सवाल पूछा गया कि क्या राज्य में सत्ता परिवर्तन और उनकी कुर्सी जाने के पीछे कांग्रेस का हाथ है. इस सवाल पर उन्होंने न तो इस आरोप का खंडन किया और न ही जवाब दिया. बस उन्होंने इतना कहा कि वह इस मुद्दे पर अपनी बात बाद में रखेंगे, फिलहाल वह हेमंत बाबू को विश्वास मत जीतने के लिए शुभकामनाएं देते हैं.
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