रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री सह झामुमो के पूर्व नेता चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल हो गये हैं. चंपाई सोरेन के साथ उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन भी बीजेपी में शामिल हुए. रांची में एक भव्य कार्यक्रम में अपने हजारों समर्थकों के साथ चंपाई सोरेन ने कमल का दामन थाम लिया है. इस सदस्यता ग्रहण समारोह के दौरान असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के अन्य बड़े नेता कार्यक्रम में मौजूद रहे.
चंपाई सोरेन का झामुमो से इस्तीफा
इससे पहले पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने लिखा 'आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया. झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा'
चंपाई सोरेन ने झामुमो सुप्रिमो शिबू सोरेन "गुरुजी" को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में लिखा कि वह पार्टी की वर्तमान नीतियों और कार्यशैली से विक्षुब्ध होकर पार्टी छोड़ने पर मजबूर हुए हैं. उन्होंने शिबू सोरेन को लिखे अपने पत्र में कहा कि 'आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था और जिसके लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों और गावों की खाक छानी थी आज वह पार्टी अपनी दिशा से भटक चुकी है.'
चंपाई सोरेन ने अपने इस्तीफा पत्र में शिबू सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा कि झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा और मैंने कभी सपने भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा. लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से मुझे बहुत पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा.
पूर्व सीएम ने शिबू सोरेन को लिखी चिट्ठी में कहा कि वर्तमान स्वास्थ्य की वजह से आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं और आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें. इस वजह से मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.
सीएम पद से हटने के बाद से नाराज थे चंपाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा में गुरुजी शिबू सोरेन के बाद दूसरे स्थान पर बतौर उपाध्यक्ष रहने वाले चंपाई सोरेन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से नाराज चल रहे थे. हालांकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी नई सरकार में भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. मगर जिस तरह से उन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिए अपमानित किए जाने की बात सार्वजनिक की थी उसके बाद से लग रहा था कि चंपाई सोरेन ज्यादा दिन झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं रहेंगे. कयासों पर विराम लगाते हुए आखिरकार बुधवार को दिल्ली से भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर रांची लौटते ही उन्होंने झामुमो को बाय-बाय करने का फैसला ले लिया.
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