रांची: कांग्रेस विधायक दल के नेता और चंपाई सोरेन सरकार में संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफे के तीन सप्ताह से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट को नहीं भरा जा सका है. वहीं चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री का 12 वां पद भी खाली है. चंपाई सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान झामुमो विधायक सह पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम को मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए राजभवन आने का आमंत्रण भी मिल गया था, लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस की आपत्ति के बाद ऑन होल्ड कर दिया गया था.
अब एक बार फिर यह कयास जोरों पर है कि दलित समुदाय से आनेवाले बैद्यनाथ राम को इस बार मंत्री बनने का मौका मिलेगा. लेकिन हर दिन के बाद राज्य में चंपाई सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार में बैद्यनाथ राम को शामिल करने की उम्मीद कम होती जा रही हैं.
हेमंत सोरेन के जमानत के जश्न के बाद हो जाएगा मंत्रिमंडल विस्तार-राजेश ठाकुर
झारखंड में चंपाई सोरेन सरकार के कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी को लेकर पूछे गए सवाल पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदले हैं और महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन की जमानत हुई है. अभी जमानत का जश्न मनाया जा रहा है. इसके समाप्त होते हैं कैबिनेट विस्तार का काम पूरा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार को लेकर जितनी चर्चा राजनीतिक दलों में होती है उससे ज्यादा चर्चाएं है मीडिया में हो रही हैं.
कैबिनेट विस्तार में कहीं कोई जिच नहीं- मनोज पांडेय
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने राज्य में कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी के सवाल पर कहा कि किसी भी बात को लेकर सहयोगी दलों में कहीं कोई जिच नहीं है. उन्होंने कहा कि 12वें मंत्री को लेकर सबकुछ तय है और कांग्रेस की कोई जिच नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर झामुमो या कांग्रेस, राजद के बीच कोई भी बात या जिच रहेगी तो उसे उनके नेता कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन बड़ी कुशलता से दूर कर देंगे.
इरफान अंसारी और बैद्यनाथ राम का नाम सबसे आगे
सूत्रों की माने तो आलमगीर आलम के इस्तीफे से खाली हुई मंत्रिपरिषद के एक पद पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी के नाम पर लगभग सहमति बन चुकी है. वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार सतेंद्र सिंह के अनुसार सारा पेंच 12वें मंत्री के पद पर फंसा है.
विधानसभा चुनाव से पहले दलित को मंत्री बनाकर मैसेज देना चाहता है झामुमो
सतेंद्र बताते हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव से पहले एक दलित को मंत्री बनाकर जनता खासकर अनुसूचित जाति समाज में एक मैसेज देना चाहता है कि राज्य में महागठबंधन की सरकार दलितों को भी सत्ता की भागीदार बनाना चाहती है. इसलिए लातेहार से झामुमो विधायक पूर्व मंत्री बैद्यनाथ राम को मंत्री बनाए जाने की योजना है.
12वें मंत्री पद पर कांग्रेस का दावा
वहीं कांग्रेस शुरू से 12वें मंत्री पद को अपने हक का बताती है. यही वजह है कि राजभवन नाम जाने के बावजूद कांग्रेस के विरोध की वजह से बैद्यनाथ राम मंत्री बनते-बनते रह गए थे. वही स्थिति अभी भी बनी हुई है. आलमगीर की जगह इरफान को मंत्री बनाने में कहीं कोई परेशानी कांग्रेस आलाकमान को नहीं है.
वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार के अनुसार मामला 12वें मंत्री पद को लेकर फंसा है. झामुमो अपने विधायक को 12वां मंत्री बनाना चाहता है तो कांग्रेस अपने विधायक को. इस वजह से कैबिनेट विस्तार टला है.
कल की बैठक के बाद तस्वीर साफ होने की संभावना
वहीं मनोज पांडेय ने भी इशारों-इशारों में इतना तो कह ही दिया है कि जो घटनाक्रम बदले हैं और सत्ताधारी विधायकों की बैठक हो रही है इसकी वजह से भी कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका है. संभव है कि कल की बैठक के बाद कैबिनेट विस्तार को पूरा कर लिया जाए.
ये भी पढ़ें-
झारखंड कैबिनेट में क्यों खाली है 12वें मंत्री का पद, जानिए इसके पीछे की असली वजह?
कांग्रेस कोटे से झारखंड मंत्रिमंडल में कौन मंत्री होगा इसका फैसला करेगा आलाकमान: आलमगीर आलम
गठबंधन के शीर्ष नेता परिवर्तन नहीं सीख पाये, मंत्रालय में युवा चेहरा होना चाहिए- झामुमो विधायक