CHAITRA NAVRATRI 2024। 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और 10 अप्रैल को चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्रि में 9 दिनों में माता के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता की पूजा की जाती है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ब्रह्मचारिणी माता की पूजा किस विधि से करें. कौन सा विशेष पुष्प चढ़ाए जो उन्हें बहुत पसंद है. जिससे भाग्य के द्वार खुल जाएंगे.
दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता की करें पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं की 'चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है. ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें. फिर जिस स्थान पर पूजा करनी है. उस पूजा स्थान को गंगाजल डालकर शुद्ध कर लें. इसके बाद मां दुर्गा का जलाभिषेक करें व्रत करने का संकल्प लें. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा के लिए एक कलश जल ले लें. जहां भी मठ देवियों का मंदिर हो, वहां जाकर ब्रह्मचारिणी देवी को स्मरण करते हुए जल की धार लगाएं, चने की दाल चढ़ाएं और पुष्प चढ़ाए तो माता बहुत प्रसन्न होती है.
कमल का पुष्प माता को बहुत पसंद
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ब्रह्मचारिणी देवी को कमल का पुष्प बहुत पसंद होता है और यह बहुत विशेष भी होता है. नवरात्रि के दूसरे दिन जब ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा करें तो उन्हें कमल का पुष्प अगर कोई भक्त अर्पित करता है, तो वो बहुत प्रसन्न होती हैं. उस घर में खुशियां ही खुशियां आती है. कमल के पुष्प की तरह भक्तों के भाग्य खुल जाते हैं. धन लाभ के योग्य बनते हैं और किस्मत बदल जाती है.