रायपुर: माता भगवती को नवरात्रि में विधि विधान, उल्लास, उमंग और श्रद्धा के साथ स्थापित करना चाहिए. माता भगवती के चरण जिस घर में पड़ते हैं, वहां पर कल्याण, सुख, यश और कीर्ति में अपने आप ही वृद्धि हो जाती है. माता भगवती शक्ति, बल, उपासना, तंत्र साधना, मंत्र साधना, योग साधना की देवी मानी जाती है. आइये जानें इस संबंध में ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनित शर्मा ने क्या नियम बताए हैं.
देवी माता की पूजा के लिए घर में पूजन स्थल को सजाते समय इन बातों का रखें ध्यान:
- नवरात्रि के दौरान घर या मंदिरों में स्वच्छता और सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
- पूजा स्थल को पूरी तरह से शुद्धिकरण कर पवित्र करना चाहिए.
- नवरात्रि के प्रथम दिन ही कलश को सुंदरता के साथ सजाकर स्थापित करें.
- पूजा स्थल को तोरण, केले के पत्र और फूलों से सजाना चाहिए.
- पूजन स्थल के द्वार पर दोनों तरफ पवित्र बांसुरी लगा सकते हैं.
- इसके साथ ही रंगोली से स्वास्तिक, ओम, शुभ-लाभ, ओम गणेशाय नमः आदि लिखें. .
- पूजन की थाली को नियमित रूप से साफ करते रहें.
- माता भगवती के लिए जलाए जाने वाले धूप और दीपक के पात्र को भी रोज साफ करना चाहिए.
- नवग्रह मंडलम, 64 योगिनी मंडलम को सजा सवार कर रखना चाहिए.
- माता भगवती को रोज नए फूलों की माला, शुद्ध पुष्प, अर्पित करने चाहिए.
- माता को भोग में ताजे फल और पकवान अर्पित करें, ध्यान रखें भोग के लिए पकवान बनाते समय रसोई घर की साफ सफाई और शुद्धिकरण करना जरूरी है.
- प्रतिदिन पूजा स्थल में वैदिक मंत्रो का जाप, पाठ और अनुष्ठान करें.
- पूजन स्थल में जाने से पहले शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.
- पूजा करते समय पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करनी चाहिए.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.