कोरबा: कोरबा की विशेष अदालत ने महिला अपराध से जुड़े केस में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदिवासी युवती के साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पुलिस ने इस केस में एट्रोसिटी एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया था. उसके बाद यह केस अदालत में पहुंचा. कोर्ट ने शुक्रवार को इस केस में फैसला सुनाया है.
शादी का झांसा देकर दुष्कर्म: यह केस सात साल पुराना है. नौकरी के संबंध में आदिवासी युवती की पहचान कोरबा के शख्स से हुई. उसके बाद युवक ने खुद को अनमैरिड बताया और उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया. नवंबर 2017 में वह युवती को बिलासपुर ले गया और वहां नोटरी में लिखा पढ़ी की. इस दौरान उसने युवती को बताया कि हमारी शादी हो गई है और उसे कोरबा के रामपुर की एक कॉलोनी में रखा. उसने यहां युवती से डेढ़ साल तक दुष्कर्म किया. युवक युवती को अपने घर ले जाने से आनाकानी कर रहा.
युवती को शादी शुदा होने का पता चला: इस दौरान युवती को यह पता चला कि जिस युवक ने उससे शादी की बात कही है वह पहले से शादी शुदा है. उसने युवक पर दवाब बनाया और विधिवत शादी करने की बात कही. आरोपी इस पर राजी नहीं हुआ और उसने युवती से मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया. जिसके बाद युवती ने साल 2019 में सिटी कोतवाली में केस दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया. इसमें पुलिस ने एट्रोसिटी एक्ट भी लगाया.
आदिवासी युवती से शादी का झांसा देने और दुष्कर्म के आरोप में आरोपी के विरुद्ध दोष सिद्ध हुआ है. जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश जगदीश गर्ग के कोर्ट ने दोषी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है: कृष्णा द्विवेदी, लोक अभियोजन अधिकारी
कोरबा की विशेष अदालत ने यह फैसला शुक्रवार को सुनाया है. आरोपी को अब जेल में सश्रम उम्र कैद की सजा काटनी होगी.