जयपुर. पांच साल बाद चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना सुबह नहीं बल्कि दोपहर के अभिजीत मुहूर्त में होगी. 9 अप्रैल को देवी आराधना के लिए घट स्थापना होगी. इसके साथ ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नवसंवत्सर-2081 कालयुक्त संवत्सर की भी शुरुआत होगी. आमेर स्थित शिला माता मंदिर में भी दोपहर 12.05 बजे अभिजीत मुहूर्त में ही घटस्थापना होगी.
चैत्र नवरात्रि इस बार मंगलवार 9 अप्रैल से शुरू होकर बुधवार 17 अप्रैल को पूर्ण होंगे. नवरात्र में माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है. ज्योतिषाचार्य मनोज गुप्ता ने बताया कि नवरात्रि में घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा. शास्त्रानुसार देवी आराधना के लिए घटस्थापना और पूजा के लिए सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ बताया है, लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग हो तो उन्हें टालकर घटस्थापना करनी होती है. यदि दोपहर तक का समय इससे प्रभावित हो अभिजित मुहूर्त में ही घटस्थापना की जानी चाहिए.
ऐसे में इस बार वैधृति योग दोपहर बाद 2.18 बजे तक है. इस कारण घटस्थापना दोपहर 12.04 बजे से 12.54 बजे मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में ही सर्वश्रेष्ठ रहेगी. घटस्थापना के लिए 50 मिनट का मुहूर्त रहेगा. उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पहले ही दिन तीन राजयोग रहेंगे. देवी का आगमन अश्व पर होगा और प्रस्थान हाथी पर होगा. हालांकि चैत्र नवरात्रि के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा. ऐसे में 9 अप्रैल से 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी. खरमास खत्म होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे.