रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नक्सल पीड़ित कई लोग शुक्रवार को रायपुर पहुंचे. यहां पीड़ित कलेक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे. हालांकि कलेक्टर वहां नहीं थे. इसके बाद उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ईटीवी भारत ने पीड़ितों से बातचीत की. पीड़ितों ने अपनी समस्याओं के बारे में बताया.
अलग-अलग जिले से पहुंचे नक्सल पीड़ित: कलेक्टरेट पहुंचे कांकेर के हिरणय विश्वास ने कहा कि हम सभी नक्सल पीड़ित परिवार से हैं. कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, धमतरी, सुकमा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, खैरागढ़, मानपुर, राजनांदगांव अलग-अलग जिले से रायपुर पहुंचे हैं. हम पीड़ित परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बनाई गई पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिल रहा है. इस संबंध में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपकर हम नक्सल पुनर्वास नीति में संशोधन की मांग करते हैं.
लगातार कई वर्षों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हो रही. आज भी गृहमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बंगले भी गए थे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं हुई. अब जिला कलेक्टर कार्यालय आए हैं. यहां भी कलेक्टर से मुलाकात नहीं हो सकी है, इसलिए एसडीएम को ज्ञापन देने जा रहे हैं. -धीरेंद्र कुमार साहू, राजनांदगांव
योजनाओं का लाभ न मिलने पर कर रहे आंदोलन: इस बीच दिल्ली गए नक्सल प्रभावितों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे धमतरी के गेंदालाल मांडवी ने कहा, "इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. वे कौन लोग हैं? किसके माध्यम से भेजे गए? इसकी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है, लेकिन यह जरूर है कि हम नक्सल पीड़ित परिवार है. हमें योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिए हम आज आंदोलन को विवश है."
इस दौरान नक्सल प्रभावित परिवारों को नौकरी में आरक्षण दिए जाने की भी इन्होंने मांग की. साथ ही मांगे पूरी न होने पर 2 अक्टूबर को आमरण अनशन की चेतावनी दी.
ये है नक्सल पीड़ितों की मांगें:
- नक्सल पीड़ित परिवारों को जमीन के बदले जमीन दिया जाए.
- प्रदेश स्तर पर नक्सल पीड़ित परिवारों को पुलिस अधीक्षक की ओर से प्रमाण पत्र दिलवाया जाए.
- नक्सल पीड़ित परिवार जीवन यापन करने के लिए शासन की ओर से योग्यतानुसार नौकरी दिया जाए.
- नक्सल पीड़ित परिवार को प्रदेश स्तर पर योजना के तहत पर लाभ दिया जाए.
- नक्सल पीड़ित बेरोजगार को योजना के तहत अनुदान लाभ दिया जाए.