बिलासपुर: रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में बिजली का करंट लगने से तीन हाथियों की मौत पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को सचिव ऊर्जा विभाग और मैनेजिंग डायरेक्टर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
करंट लगने से तीन हाथियों की मौत: 26 अक्टूबर को रायगढ़ के तमनार रेंज में 11 केवी बिजली तार की चपेट में आने से 3 हाथियों की मौत हो गई. इनमें एक हाथी हथिनी और एक शावक शामिल है. यह घटना सामारूमा परिक्षेत्र के कचकोबा परिसर में चुहकीमार नर्सरी में हुई. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय होकर घटनास्थल पर पहुंचे. वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया तो बिजली विभाग की लापरवाही सामने आई. 11 केवी तार काफी नीचे झूलते मिला, जिसकी वजह से ही यह घटना हुई. इसके लिए डीएफओ ने बिजली विभाग के जेई को नोटिस भेजा. बिजली विभाग के कर्मचारियों को इस प्रकरण में राजधानी रायपुर भी तलब किया गया.
अगली सुनवाई 20 नवंबर को: रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने भी एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर बताया कि बिलासपुर वन मंडल में भी 1 अक्टूबर को बिजली करंट से एक हाथी शावक की मौत हुई. इससे पहले बिजली तार टूटने से 9 अक्टूबर को कांकेर में 3 भालुओं की मौत हुई. शिकार करने के लिए लगाए गए बिजली तार से कोरबा में 15 अक्टूबर को दो लोग मारे गए. 21 अक्टूबर को भी शिकार करने के लिए लगाए गए बिजली तार से अंबिकापुर के बसंतपुर के जंगल में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई. बिजली तार से मौत मामले में कोर्ट ने हस्तक्षेप याचिकाकर्ता की याचिका पर भी शपथ पत्र देने का आदेश दिया है.
आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पिछले 6 साल में करीब 70 हाथियों की मौत हुई है. प्रदेश के सूरजपुर, बलरामपुर, कोरबा, सरगुजा और रायगढ़ के जंगल में बड़ी संख्या में हाथी विचरण करते हैं. झारखंड और मध्य प्रदेश की सीमा से सटे होने के चलते हाथियों के लिए एक कॉरिडोर बना हुआ है. किसी क्षेत्र में जंगल में खाने पीने की दिक्कत होती है हाथी दूसरे इलाके में मूव कर जाते हैं.