रायपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने इंद्रावती भवन से मंत्रालय तक मशाल चेतना रैली निकाली. रैली के जरिए नाराज कर्मचारियों ने राज्य सरकार से "मोदी की गारंटी" लागू करने की मांग की. फेडरेशन का कहना था कि मोदी की गारंटी लागू करने के बजाए सरकार मौन धारण कर बैठी है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की रैली में प्रदेश के सभी संभाग, जिला, ब्लॉक के प्रभारी और संयोजक शामिल हुए. प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने मंत्रालय के सामने "झन कर इनकार हमर सुनव सरकार" का नारा बुलंद किया.
डीए और एरियर देने की मांग: फेडरेशन ने कहा है कि अगर मोदी की गारंटी पूरी नहीं होती है तो ऐसे में वो चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. दूसरे चरण के आंदोलन में 20 से 30 अगस्त तक सभी सांसदों और विधायकों को फेडरेशन ज्ञापन सौंपेगा. तीसरे चरण में 11 सितंबर को जिला, ब्लॉक, तहसील स्तर पर मशाल रैली और प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा. चौथे चरण में 27 सितंबर को प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे, काम बंद हड़ताल करेंगे.
''विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी की घोषणा हुई थी. वादा किया गया था कि सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों और पेंशनरों को केन्द्र के समान डी.ए. दिया जायेगा, लंबित डीए एरियर्स की राशि को कर्मचारियों के जी.पी.एफ. खाते में समायोजित किया जायेगा. लेकिन सरकार बनने के बाद इनके क्रियान्वयन पर सरकार का मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बन गया है''. - छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन
फेडरेशन का आरोप: फेडरेशन का आरोप है कि उनको लंबे वक्त से केंद्र के समान एचआरए भत्ता,अर्जित अवकाश 240 दिन की जगह पर 300 दिन किया जाए. फेडरेशन ने जिस तरह से चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी कि उससे आने वाले दिनों में राज्य कर्मचारियों का सरकार से टकराव बढ़ने के आसार लगने लगे हैं.