रायपुर: छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तर के साथ ही बीमारियां भी बढ़ने लगी है. छत्तीसगढ़ में डायरिया और मलेरिया के साथ ही कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. कई जगहों पर इन बीमारियों से लोगों की मौत भी हो चुकी है. इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. सीएम साय ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों की रोेकथाम और बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश स्वास्थ्य महकमा और संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए है. सीएम ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में मलेरिया, डायरिया जैसी मौसमी बीमारियों की जानकारी मिलने पर तुरंत स्वास्थ्य अमला स्वास्थ्य शिविर लगाकर प्रभावितों का उपचार करे.
सीएम साय ने दिए निर्देश: सीएम साय के निर्देशानुसार उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल, सोनवाही का भ्रमण कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली. उन्होंने ग्राम सोनवाही पहुंचकर ग्रामीणों सहित डायरिया पीड़ित परिवार के परिजनों से मुलाकात की और राज्य शासन से हर संभव दिलाने के लिए भरोसा दिलाया. उपमुख्यमंत्री ने ग्राम सोनवाही में बीते दिन हुई दो ग्रामीणों की आकस्मिक मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है. साथ ही ग्राम सोनवाही के आदिवासी बालक छात्रावास में बनाएं गए अस्थाई स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया. इस दौरान मरीजों से बातचीत की.
डिप्टी सीएम ने दिया अधिकारियों को निर्देश: गृहमंत्री ने यहां चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उपमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारी, डायरिया, उल्टी दस्त और जलजनित बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने की जरूरत है. कलेक्टर को वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने और मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए. विजय शर्मा ने सुदूर वनांचल क्षेत्र चिल्फी, झलमला और तरेगांव जंगल के शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन डीएमफ़ से शीघ्र क्रय करने के निर्देश दिए. उन्होंने वनांचल के सभी गांवो में स्वास्थ्य शिविर, जल स्त्रोतों का क्लोनिएशन कराने के निर्देश दिए.
"कवर्धा के सोनवाही गांव में 194 घर है, जिसकी कुल आबादी 580 है.इस गांव में 12 कुंआ और 2 हैंडपंप है. एक मितानिन भी काम कर रहे हैं. बीमारी के लक्षण मिलने पर गांव में लोगों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है. 11 जुलाई को 194 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था, जिसमें 8 लोगों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उप स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया. इनमें 7 लोगों को मौसमी बुखार के लक्षण और 1 को उल्टी हो रही थी. 12 जुलाई को 144 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें 12 को मौसमी, सर्दी बुखार के लक्षण पाएं गए है, जिनकों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया है. बोड़ला एसडीएम और सीएमएचओ को घर-घर पहुंच कर सर्वें करने के निर्देश दिए गए थे. सोनवाही में पांच ग्रामीणों की मौत अलग-अलग कारणों से और अलग-अलग जगह में हुई है."-जनमेजय महोबे, कलेक्टर, कवर्धा
बता दें कि प्रदेश में मानसून में होने वाली बीमारियों के कई जिलों में लोगों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है. प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौसमी बीमारियों के उपचार को लेकर अलर्ट कर दिया है. साथ ही डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सभी मरीजों का बेहतर स्वास्थ्य उपचार करने के निर्देश दिए हैं.