वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अपनी लाइब्रेरी का ऑटोमेशन और डिजिटलाइजेशन कराने का फैसला किया है. यह काम बहुत दिनों से किए जाने का प्लान विश्वविद्यालय बना रहा था, लेकिन इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका था. साथ ही नैक की ग्रेडिंग भी एक वजह है. विश्वविद्यालय ग्रेडिंग सुधारने के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था का कायाकल्प करने के साथ परिसर को बेहतरीन बनाने की कवायद में जुट गया है. इसके लिए विशेष तैयारी के साथ काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. इस कड़ी में किताबों व अन्य पठन सामग्रियों का क्लासिफिकेशन शुरू कर दिया गया है.
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इस समय अपनी साख को अच्छी बनाए रखने के प्रयास में है. राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) से ए-ग्रेड हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा परिसर से लेकर लाइब्रेरी की व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिशें की जा रही हैं. इसी क्रम में लाइब्रेरी का ऑटोमेशन और डिजिटलाइजेशन करने का निर्णय लिया गया है. इसके माध्यम से लाइब्रेरी का कायाकल्प करने के साथ ही उसका डिजिटलीकरण किया जाएगा. इसके साथ ही परिसर की व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ किया जाएगा.
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रो. संतोष कुमार व डॉ. भगवानदास केंद्रीय पुस्तकालय का प्रोफेसर इंचार्ज नियुक्त किया है. बताया कि लाइब्रेरी में उपलब्ध किताबों का क्लासिफिकेशन कराया जाएगा. ऑटोमेशन के बाद एक क्लिक पर किताबों और उनके लेखकों के नाम कंप्यूटर पर विद्यार्थियों को मिल जाएंगे. किताबों को खोजने के लिए लाइब्रेरी में इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. छात्र घर बैठे किताबों की जानकारी हासिल कर सकेंगे. प्रो. संतोष कुमार लाइब्रेरी के कायाकल्प में जुट गए हैं.