शिमला: फेस्टिवल सीजन के इस समय में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को तोहफा दिया है. केंद्रीय करों में हिस्सेदारी की एक किश्त एडवांस में मिलने से राज्यों के खजाने को राहत की सांस आई है.
सभी राज्यों की तरह हिमाचल के हिस्से में भी एक किश्त एडवांस में आई है. आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के खाते में 1479 करोड़ रुपये की रकम आई है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में हिमाचल को एक महीने में 740 करोड़ रुपये के करीब पैसा केंद्र से आता है.
कुल 28 राज्यों को केंद्र ने पैसा जारी कर दिया है. अकेले उत्तर प्रदेश को 31 हजार 962 करोड़ रुपये की रकम जारी हुई है. यूपी को हर महीने 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक पैसा केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में आता है.
फिलहाल, हिमाचल प्रदेश के खजाने में ये रकम आने से कर्मचारियों को डीए की कम से कम एक किश्त दिवाली से पहले मिलने के आसार बढ़ गए हैं. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार का इस एडवांस किश्त के लिए आभार जताया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि इस राशि से हिमाचल प्रदेश के विकास को गति मिलेगी.
पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड को भी राहत
एक किश्त एडवांस आने से पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड को भी राहत मिली है. हरियाणा को 1947 करोड़, पंजाब को 3220 करोड़ व उत्तराखंड को 1992 करोड़ रुपये जारी हुए हैं.
पश्चिमी बंगाल को भी 13 हजार 404 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई है. अक्टूबर महीने के साथ ही नवंबर की किश्त एडवांस आई है. राज्य सरकारों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से सेंट्रल टैक्सिस की रकम महत्वपूर्ण साबित होती है. फेस्टिव सीजन में राज्य सरकारें कर्मियों की मांगों को पूरा करने में सक्षम होती हैं.
हिमाचल में कर्मचारियों को डीए की आस
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी डीए की कम से कम एक किश्त की आस लगाए बैठे हैं. राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपये के कर्ज की अधिसूचना जारी की है. ये रकम राज्य सरकार के खजाने में अगले हफ्ते आ जाएगी. इस तरह 1479 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सेदारी की रकम को मिलाकर खजाने में एक साथ 2000 करोड़ रुपये जुड़ जाएंगे.
डीए की एक किश्त के लिए 580 करोड़ रुपये चाहिए. इसके अलावा पहली तारीख को वेतन के लिए 1200 करोड़ रुपये की रकम की जरूरत होती है. ऐसे में राज्य सरकार कम से कम डीए की एक किश्त आसानी से दे सकेगी.
कर्मचारी नेता संजीव शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार को त्योहारी सीजन देखते हुए दिवाली से पहले डीए देना चाहिए साथ ही पहली तारीख को वेतन व पेंशन की व्यवस्था भी करनी चाहिए. यदि कर्ज लिमिट की बात करें तो अब राज्य सरकार के पास 1017 करोड़ रुपये लोन लिमिट बची है. ये दिसंबर तक की लिमिट है. आखिरी तिमाही के लिए केंद्र सरकार फिर से लिमिट सेंक्शन करती है.
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