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कानपुर की फैक्ट्रियों में काम करने वाले 42 लाख श्रमिकों की खबर; मिलेगी डॉरमेट्री की सुविधा, परिवार के साथ रह सकेंगे - Kanpur News

केंद्र सरकार की ओर से 42 लाख श्रमिकों को पहली बार डॉरमेट्री की सौगात (KANPUR NEWS) मिलने जा रही है. सरकार पीपीपी मॉडल पर इनका संचालन कराएगी.

42 लाख श्रमिकों को अब डॉरमेट्री का तोहफा
42 लाख श्रमिकों को अब डॉरमेट्री का तोहफा (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 11:54 AM IST

Updated : Aug 7, 2024, 12:45 PM IST

42 लाख श्रमिकों को अब डॉरमेट्री का तोहफा (Video credit: ETV Bharat)

कानपुर : देशभर की चमड़ा इकाईयों में काम करने वाले श्रमिकों को अब अपने रहने और खाने के लिए बिल्कुल भी परेशान नहीं होना पड़ेगा. आजादी के बाद अब इस इंडस्ट्री के 42 लाख श्रमिकों को केंद्र सरकार की ओर से पहली बार डॉरमेट्री की सौगात मिलने जा रही है. कुछ दिनों पहले जारी किए गए बजट में इसकी घोषणा हो गई. जल्द ही श्रमिकों को डॉरमेट्री उपलब्ध कराकर सरकार इससे किराया लेगी और पीपीपी मॉडल पर इनका संचालन कराएगी. सरकार के जिम्मेदारों का दावा है, कि पहले चरण में जहां ये लाभ लेदर इंडस्ट्री के श्रमिकों को मिलेगा. वहीं, दूसरे चरण में अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिकों को यह लाभ मिल सकेगा.

इन आंकड़ों को भी जानिए
- मौजूदा समय में लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाले कुल श्रमिकों की संख्या : 42 लाख
- मौजूदा समय में लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाली कुल महिला श्रमिकों की संख्या : 18.90 लाख
- साल 2030 तक लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाले कुल श्रमिकों की संख्या होगी : 73 लाख
- मौजूदा समय में देश के अंदर कुल लेदर कारोबारियों की संख्या : 30 हजार से अधिक
- मौजूदा समय में उप्र के अंदर कुल लेदर कारोबारियों की संख्या : 10 हजार से अधिक
- मौजूदा समय में प्रति व्यक्ति चमड़े के जूता उत्पादों की खपत : 1.81
- साल 2030 तक प्रति व्यक्ति चमड़े के जूता उत्पादों की खपत होगी : 3.2
- साल 2023-24 में अप्रैल से जून तक सालाना देश में चमड़े का कारोबार : 98725 करोड़ रुपये
- साल 2024-25 में अप्रैल से जून तक सालाना देश में चमड़े का कारोबार : 96130 करोड़ रुपये


सरकार अब औद्योगिक इकाईयों के लिए तैयार करा रही क्लस्टर : इस पूरे मामले पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के चेयरमैन आरके जालान ने ईटीवी संवाददाता से बातचीत की. उन्होंने कहा, कि अक्सर ही देखने में आता था कि औद्योगिक इकाईयां तैयार हैं, लेकिन श्रमिक उनसे दूर इसलिए हो जाते थे, क्योंकि उनके लिए स्थायी तौर पर रहने और खाने की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब सरकार ने चमड़ा उद्योग से संबंधित इकाईयों के लिए बड़ा फैसला किया है. अब यहां काम करने वाले 40 लाख से अधिक श्रमिकों को डॉरमेट्री की सुविधा मिलेगी, जिसमें वह अपने परिवार के सदस्यों संग रह सकेंगे. हालांकि, उन्हें एक तय राशि किराए के तौर पर देनी होगी. जिसकी जानकारी जल्द ही सभी उद्यमियों व श्रमिक संगठनों के पास पहुंचेगी. सरकार का मकसद है, कि अब औद्योगिक इकाईयों का संचालन 100 एकड़, 70 एकड़ जैसे-जैसे बड़े-बड़े क्लस्टर्स के रूप में हो, इससे जब श्रमिक भी वहां स्थायी तौर पर रहेंगे तो उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा.

यह भी पढ़ें : UP International Trade Show: दुबई शेख के घोड़े पहनेंगे कानपुर के बने सैडलरी उत्पाद

यह भी पढ़ें : UP International Trade Show: GI पवेलियन में दिखेगा कानपुर का चमड़ा उत्पाद, विदेश से कारोबार विस्तार की आस

42 लाख श्रमिकों को अब डॉरमेट्री का तोहफा (Video credit: ETV Bharat)

कानपुर : देशभर की चमड़ा इकाईयों में काम करने वाले श्रमिकों को अब अपने रहने और खाने के लिए बिल्कुल भी परेशान नहीं होना पड़ेगा. आजादी के बाद अब इस इंडस्ट्री के 42 लाख श्रमिकों को केंद्र सरकार की ओर से पहली बार डॉरमेट्री की सौगात मिलने जा रही है. कुछ दिनों पहले जारी किए गए बजट में इसकी घोषणा हो गई. जल्द ही श्रमिकों को डॉरमेट्री उपलब्ध कराकर सरकार इससे किराया लेगी और पीपीपी मॉडल पर इनका संचालन कराएगी. सरकार के जिम्मेदारों का दावा है, कि पहले चरण में जहां ये लाभ लेदर इंडस्ट्री के श्रमिकों को मिलेगा. वहीं, दूसरे चरण में अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिकों को यह लाभ मिल सकेगा.

इन आंकड़ों को भी जानिए
- मौजूदा समय में लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाले कुल श्रमिकों की संख्या : 42 लाख
- मौजूदा समय में लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाली कुल महिला श्रमिकों की संख्या : 18.90 लाख
- साल 2030 तक लेदर इंडस्ट्री में काम करने वाले कुल श्रमिकों की संख्या होगी : 73 लाख
- मौजूदा समय में देश के अंदर कुल लेदर कारोबारियों की संख्या : 30 हजार से अधिक
- मौजूदा समय में उप्र के अंदर कुल लेदर कारोबारियों की संख्या : 10 हजार से अधिक
- मौजूदा समय में प्रति व्यक्ति चमड़े के जूता उत्पादों की खपत : 1.81
- साल 2030 तक प्रति व्यक्ति चमड़े के जूता उत्पादों की खपत होगी : 3.2
- साल 2023-24 में अप्रैल से जून तक सालाना देश में चमड़े का कारोबार : 98725 करोड़ रुपये
- साल 2024-25 में अप्रैल से जून तक सालाना देश में चमड़े का कारोबार : 96130 करोड़ रुपये


सरकार अब औद्योगिक इकाईयों के लिए तैयार करा रही क्लस्टर : इस पूरे मामले पर काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) के चेयरमैन आरके जालान ने ईटीवी संवाददाता से बातचीत की. उन्होंने कहा, कि अक्सर ही देखने में आता था कि औद्योगिक इकाईयां तैयार हैं, लेकिन श्रमिक उनसे दूर इसलिए हो जाते थे, क्योंकि उनके लिए स्थायी तौर पर रहने और खाने की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब सरकार ने चमड़ा उद्योग से संबंधित इकाईयों के लिए बड़ा फैसला किया है. अब यहां काम करने वाले 40 लाख से अधिक श्रमिकों को डॉरमेट्री की सुविधा मिलेगी, जिसमें वह अपने परिवार के सदस्यों संग रह सकेंगे. हालांकि, उन्हें एक तय राशि किराए के तौर पर देनी होगी. जिसकी जानकारी जल्द ही सभी उद्यमियों व श्रमिक संगठनों के पास पहुंचेगी. सरकार का मकसद है, कि अब औद्योगिक इकाईयों का संचालन 100 एकड़, 70 एकड़ जैसे-जैसे बड़े-बड़े क्लस्टर्स के रूप में हो, इससे जब श्रमिक भी वहां स्थायी तौर पर रहेंगे तो उद्योगों को बढ़ावा मिल सकेगा.

यह भी पढ़ें : UP International Trade Show: दुबई शेख के घोड़े पहनेंगे कानपुर के बने सैडलरी उत्पाद

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Last Updated : Aug 7, 2024, 12:45 PM IST
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