अयोध्या: अवध नगरी के राजा राम के गर्भगृह में विराजने की धूम की तस्वीर सुबह से ही पूरे अयोध्या में नजर आ रही है. हर कोई अपने तरीके से प्रभु भक्ति में लीन है. ऐसे में बात यदि अयोध्या में मौजूद स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों की करें तो, इनका हुजूम भी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए सड़कों पर निकल पड़ा है. यह बाकायदा प्रभु की भक्ति में लीन होकर के आज पूरे दिन राम का संकीर्तन अनुष्ठान करेंगे, जिसमे ये किसी अन्य से कोई बात नहीं करेंगे.
इन संतों का हुजुम भी रामलला के दरबार की ओर निकल पड़ा है. यही नहीं इन संतों के साथ-साथ आज अयोध्या नगरी के मार्ग देश भर से आए डेढ़ हजार से ज्यादा कलाकारों से भी पटे हुए हैं, जो बाकायदा देश के अलग-अलग हिस्सों के संस्कृति को अयोध्या में आने वाले मेहमानों तक पहुंचा रहे हैं. रामलला के दरबार में हर कोई अपने अंदाज में हाजिरी लगा रहा है. ऐसे में लगभग 500 साल के संघर्ष की बेला समाप्त हो रही है.
इस बेला को यादगार बनाने के लिए गुजरात से आए स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों ने आज पूरे दिन का अनुष्ठान शुरू किया है, जिसके तहत वह आज पूरे दिन सिर्फ प्रभु श्री राम नाम का भजन करेंगे और अनुष्ठान करेंगे. इस दौरान वह किसी भी अन्य से कोई बातचीत नहीं करेंगे. सिर्फ प्रभु श्री राम की भक्ति में लीन होकर आज उनके प प्रतिष्ठित होने की बेला को निहारेंगे.
17 सौ कलाकार मेहमानों को दिखा रहे पूरे भारत की झलक: रामलला की अपने महल में प्रतिष्ठित होने को लेकर मंदिर से लेकर के चौराहे हर कोई प्रभु राम के जश्न में डूबा हुआ है. बात करें यदि अयोध्या के विभिन्न मार्गों की तो लगभग 1700 से ज्यादा पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार देश की विविध संस्कृतियों को प्रस्तुत कर हर किसी का मन मोह रहे हैं और रामलाल की भक्ति में पूरी तरीके से ली है. गुजरने वाला हर कोई इन झलकियां को अपने कमरे में कैद करने की कोशिश कर रहा है और इस पल कोई याद कर बना रहा है.
हजारों टन फूलों से सजी अयोध्या: यही नहीं इस पल को और खूबसूरत बनाने के लिए अयोध्या को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया भी गया है. हर ओर रंग-बिरंगे फूल झालरें अयोध्या की खूबसूरती को और भी ज्यादा निखार रहे हैं. ऐसे में बात कर ले यदि प्रभु के महल व गर्भगृह राम मंदिर की तो उसे भी देश व विदेश के अलग-अलग फूलों के साथ सजाया गया है. जिसमें भारत के अलग-अलग हिस्सों के साथ थाईलैंड मलेशिया जैसे देशों से भी फूल मंगाए गए हैं.