रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने इस केस की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी है, इसे लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने ईओडब्ल्यू- एसीबी में दर्ज एफआईआर के साथ ही पीएससी घोटाले में दर्ज एक और एफआईआर को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया है. साथ ही इस मामले की जांच के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में कार्रवाई करने की अनुमति भी सीबीआई को दे दी है.
सीबीआई को सौंपी गई जानकारी: दरअसल, सीजीपीएससी भर्ती घोटाले मामले में राज्य सरकार की ओर से दो एफआईआर दर्ज है. एक एफआईआर शासन के निर्देश पर ईओडब्लू-एसीबी में दर्ज कराया गया है. दूसरा एफआईआर बालोद जिले के अर्जुदा थाने में दर्ज है. गृह विभाग की ओर से अधिसूचना में दोनों ही मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की जानकारी दी गई है.
CGPSC के तहत भर्तियों में घोटाले का आरोप: जानकारी के मुताबिक तत्कालीन बघेल सरकार के कार्यकाल में सीजीपीएससी के तहत भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगा है. इस बीच पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी सहित पीएससी के कई अफसरों के खिलाफ इस केस में एफआईआर भी दर्ज कराया गया है. शिकायत के अनुसार पीएससी भर्ती में गड़बड़ी करके सोनवानी सहित अन्य अफसर और नेताओं के रिश्तेदारों को नौकरी दी गई है.
3 जनवरी को लिया गया था निर्णय: बता दें कि यह मुद्दा विधानसभा चुनाव 2023 में भी छाया था. इसे लेकर भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ऐलान किया था कि इस केस की जांच सीबीआई से कराएंगे. चूंकि अब प्रदेश की सत्ता पर भाजपा काबिज है तो उसने इस घोषणा पर अमल करते हुए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. इसके पहले 3 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की बात कही गई थी. अब इसे लेकर साय सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.