मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुरा स्थित पमरिया टोला की पांच वर्षीय खुशी के अपहरण मामले में लक्ष्मी चौक स्थित मछली मंडी के चार शातिर शक के दायरे में हैं. खुशी के परिजनों ने पूछताछ में सीबीआई के संयुक्त निदेशक को इस संबंध में जानकारी दी है. इसको लेकर अब सीबीआई उक्त चारों युवकों से पूछताछ करेगी. सूत्रों के अनुसार सीबीआई खुशी के मोहल्ले के कुछ लोगों से भी पूछताछ कर सकती है. सीबीआई पूछताछ करने के लिए मछली मंडी के संदिग्धों को पटना तलब करने का नोटिस जारी कर सकती है.
करीबी रिश्तेदारों से भी की पूछताछ: मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने खुशी के पिता राजन साह को पटना बुलाकर अब तक की जांच व कार्रवाई से अवगत कराया था. राजन साह और परिवार के अन्य लोगों ने कई बार सीबीआई के आईओ से लक्ष्मी चौक मछली मंडी के कुछ युवकों का नाम बताकर उनसे पूछताछ का आग्रह किया था. परिवार का मानना है कि मछली मंडी में छानबीन से बच्ची के बारे में पता चल सकता है. सीबीआई करीब डेढ़ साल से खुशी के अपहरण मामले में परिवार और करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ और जांच कर चुकी है.
अस्पतालों और बालगृहों में भी हुई जांच: वहीं, खुशी की तस्वीर स्कूलों में भेजकर इस उम्र व शक्ल की बच्ची के बारे में जानकारी निकाल रही है. अस्पतालों और बालगृहों में भी सीबीआई जांच कर चुकी है, लेकिन खुशी का कोई सुराग नहीं मिला है. अब इस केस में आरोपित अमन कुमार के मोबाइल की जांच शुरू की गई है. खुशी के चाचा ने अमन का मोबाइल खरीद लिया था, जिसे परिजनों ने सीबीआई को सौंपा है. सीबीआई अमन के मोबाइल से डिलिट डेटा रिकवर करने का प्रयास करेगी.
सरस्वती पूजा पंडाल से हुई थी लापता: बता दें कि 16 फरवरी, 2021 की शाम ब्रह्मपुरा के पमरिया टोला में सरस्वती पूजा पंडाल में पांच वर्षीय खुशी कुमारी खेल रही थी. साढ़े सात बजे जब खुशी नहीं दिखी तो उसके परिजनों तलाश शुरू की. काफी खेजबीन के बाद भी उसका कहीं कोई सुराग नहीं मिला तो पिता राजन साह के आवेदन पर पुलिस ने अपहरण की धारा में एफआईआर दर्ज की.
सीबीआई को मिला है जिम्मा: पुलिस की शुरुआती जांच में ही लीपापोती से आहत राजन साह मामले को हाइकोर्ट में ले गए. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में पुलिस को फजीहत झेलनी पड़ी और अधिकारियों की जांच शैली पर भी सवाल उठा. हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. अब इस मामले में सीबीआई खुशी का सुराग ढूंढ रही है.