ETV Bharat / state

श्रवण साहू हत्याकांड में 8 दोषियों को उम्रकैद, लखनऊ में 7 साल पहले गोलियों से कर दिया था छलनी - Shravan Sahu Murder Case

लखनऊ में 7 साल पहले श्रवण साहू हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 8 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.

श्रवण साहू हत्याकांड
श्रवण साहू हत्याकांड (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 6:55 PM IST

लखनऊः राजधानी के चर्चित व्यापारी श्रवण साहू हत्याकांड के मामले में सीबीआई कोर्ट ने 8 दोषियों उम्रकैद की सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट ने हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी, अमन सिंह, सत्यम पटेल, बाबू खान, विवेक वर्मा, फैसल, अजय पटेल, रोहित मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी पर एक लाख रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है. सआदतगंज में शूटर्स ने श्रवण साहू की 1 फरवरी 2017 को उनके दुकान के सामने गोली मार कर हत्या कर दी थी.

बाइक से आए थे दो शूटर, दुकान के बाहर मार दी गोली: दरअसल, एक फरवरी 2017 को तेल व्यापारी श्रवण साहू सआदतगंज स्थित अपनी दुकान में बैठे हुए थे. इसी दौरान बाइक सवार शूटर ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. श्रवण साहू को पांच गोलियां लगी थीं. एक गोली श्रवण साहू के सिर में लगी थी. श्रवण साहू को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.

बेटे की पहले हो चुकी थी हत्याः श्रवण साहू अपने बेटे आयुष की हत्या के केस की कोर्ट में पैरवी कर रहे थे. उनके बेटे आयुष की हत्या 16 अक्टूबर 2013 को हुई थी. इस दिन आयुष अपने दो दोस्तों के साथ बीयर लेने कैंपबेल रोड स्थिति बीयर की शॉप गया था. शॉप पर सिर्फ एक ही ठंडी बीयर थी, जिसे लेकर आयुष का हिस्ट्रीशीटर अकील के बीच झगड़ा हो गया था. जिस पर अकील ने आयुष की गोली मार कर हत्या कर दी. इस दौरान उसके दोनो दोस्तों को भी गोली लगी थी.

पैरवी न करने के लिए धमका रहा था अकील: 16 अक्टूबर 2013 को हुई आयुष की हत्या के मामले में कातिलों को सजा दिलाने के लिए श्रवण साहू कोर्ट में पैरवी कर रहे थे. अकील जेल में रहकर उन्हें पैरवी न करने के लिए धमकाता रहा, लेकिन वो पीछे नहीं हटे. सितम्बर 2016 में जमानत पर रिहा होकर अकील ने श्रवण को घेरना शुरू कर दिया था. इसके बाद श्रवण साहू ने तत्कालीन एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी से सुरक्षा भी मांगी थी. लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.

फर्जी केस में फंसा न पाए तो खेला था खूनी खेल: हिस्ट्रीशीटर अकील ने पहले श्रवण साहू को बेटे की हत्या केस में पैरवी न करने को लेकर धमाकया लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद पुलिस से सांठ गांठ कर श्रवण को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की साजिश रची. साजिश के तहत 10 जनवरी को क्राइम ब्रांच के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर धीरेन्द्र शुक्ला व उनकी टीम ने कामरान, अनवर, तमीम और अफजाल को पारा क्षेत्र से गिरफ्तार करने का दावा किया. बताया था कि यह चारों सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब के शूटर हैं और ठाकुरगंज की रिफा कॉलोनी निवासी अकील अंसारी की हत्या की योजना बना रहे थे. इसके लिए उन्हें श्रवण साहू ने 20 लाख की सुपारी दी थी. पुलिस की यह कहानी तब फर्जी निकल गई, जब श्रवण साहू ने अधिकारियों को पूरी बात बताई. अधिकारियों ने जांच शुरू कराई तो पुलिस और अपराधियों की साजिश का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया था.

इसे भी पढ़ें-श्रवण साहू हत्याकांड : सुरक्षा मुहैया कराने के मामले में IPS मंजिल सैनी को मिली क्लीन चिट, जानिए पूरा मामला

लखनऊः राजधानी के चर्चित व्यापारी श्रवण साहू हत्याकांड के मामले में सीबीआई कोर्ट ने 8 दोषियों उम्रकैद की सजा सुनाई है. सीबीआई कोर्ट ने हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी, अमन सिंह, सत्यम पटेल, बाबू खान, विवेक वर्मा, फैसल, अजय पटेल, रोहित मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी पर एक लाख रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है. सआदतगंज में शूटर्स ने श्रवण साहू की 1 फरवरी 2017 को उनके दुकान के सामने गोली मार कर हत्या कर दी थी.

बाइक से आए थे दो शूटर, दुकान के बाहर मार दी गोली: दरअसल, एक फरवरी 2017 को तेल व्यापारी श्रवण साहू सआदतगंज स्थित अपनी दुकान में बैठे हुए थे. इसी दौरान बाइक सवार शूटर ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. श्रवण साहू को पांच गोलियां लगी थीं. एक गोली श्रवण साहू के सिर में लगी थी. श्रवण साहू को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.

बेटे की पहले हो चुकी थी हत्याः श्रवण साहू अपने बेटे आयुष की हत्या के केस की कोर्ट में पैरवी कर रहे थे. उनके बेटे आयुष की हत्या 16 अक्टूबर 2013 को हुई थी. इस दिन आयुष अपने दो दोस्तों के साथ बीयर लेने कैंपबेल रोड स्थिति बीयर की शॉप गया था. शॉप पर सिर्फ एक ही ठंडी बीयर थी, जिसे लेकर आयुष का हिस्ट्रीशीटर अकील के बीच झगड़ा हो गया था. जिस पर अकील ने आयुष की गोली मार कर हत्या कर दी. इस दौरान उसके दोनो दोस्तों को भी गोली लगी थी.

पैरवी न करने के लिए धमका रहा था अकील: 16 अक्टूबर 2013 को हुई आयुष की हत्या के मामले में कातिलों को सजा दिलाने के लिए श्रवण साहू कोर्ट में पैरवी कर रहे थे. अकील जेल में रहकर उन्हें पैरवी न करने के लिए धमकाता रहा, लेकिन वो पीछे नहीं हटे. सितम्बर 2016 में जमानत पर रिहा होकर अकील ने श्रवण को घेरना शुरू कर दिया था. इसके बाद श्रवण साहू ने तत्कालीन एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी से सुरक्षा भी मांगी थी. लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.

फर्जी केस में फंसा न पाए तो खेला था खूनी खेल: हिस्ट्रीशीटर अकील ने पहले श्रवण साहू को बेटे की हत्या केस में पैरवी न करने को लेकर धमाकया लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद पुलिस से सांठ गांठ कर श्रवण को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की साजिश रची. साजिश के तहत 10 जनवरी को क्राइम ब्रांच के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर धीरेन्द्र शुक्ला व उनकी टीम ने कामरान, अनवर, तमीम और अफजाल को पारा क्षेत्र से गिरफ्तार करने का दावा किया. बताया था कि यह चारों सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब के शूटर हैं और ठाकुरगंज की रिफा कॉलोनी निवासी अकील अंसारी की हत्या की योजना बना रहे थे. इसके लिए उन्हें श्रवण साहू ने 20 लाख की सुपारी दी थी. पुलिस की यह कहानी तब फर्जी निकल गई, जब श्रवण साहू ने अधिकारियों को पूरी बात बताई. अधिकारियों ने जांच शुरू कराई तो पुलिस और अपराधियों की साजिश का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया था.

इसे भी पढ़ें-श्रवण साहू हत्याकांड : सुरक्षा मुहैया कराने के मामले में IPS मंजिल सैनी को मिली क्लीन चिट, जानिए पूरा मामला

Last Updated : Aug 22, 2024, 6:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.