पाकुड़: सीबीआई टीम रेड पाकुड़ में बीते देर रात तक चली. सीबीआई की रेड से ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी हड़कंप मच गया. रात के लगभग 10 बजे सीबीआई टीम ने शहर के बीचो बीच नामू टोला स्थित नीरज अग्रवाल के आवास में छापेमारी की. नीरज अग्रवाल के घर छापेमारी की जानकारी मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया. आम लोगों और कारोबारियों में सीबीआई छापेमारी को लेकर कई तरह की चर्चा होने लगी.
सीबीआई की टीम बीते गुरुवार को दोपहर के लगभग 12 बजे हाकिम मोमिन के घर पहुंची और रात के लगभग 9.45 तक छापेमारी की. सीबीआई की टीम ने पहले हाकिम मोमिन के आलिशान मकान को देखा और उसके बाद बारी बारी सभी कमरों में रखे अलमीरा, बक्सा सहित अन्य सामानों की छानबीन की. टीम के द्वारा हाकिम के पूरे मकान की दीवार, फर्श को भी की इस तरीके से जांच की गई कि कहीं इसमें तो कोई दस्तावेज या कालाधन छिपा नहीं है.
रात के 9 बजे हाकिम मोमिन अपने घर पहुंचे तो सीबीआई टीम ने हाकिम से काफी पूछताछ की और 9.45 बजे हाकिम के साथ सीबीआई टीम शहरी क्षेत्र के लिए रवाना हुई. कुछ देर के लिए इलाके में जोर शोर से चर्चा शुरु हो गयी कि हाकिम को सीबीआई की टीम अपने साथ ले गयी, परंतु हाकिम को नीरज अग्रवाल का घर दिखाने अपने साथ ले गयी थी, उसके बाद हाकिम अपने घर लौटे.
इधर टीम में शामिल सीबीआई के अधिकारियों ने रात के लगभग 10 बजे नीरज के घर में छापेमारी शुरू की. छापेमारी के दौरान टीम में शामिल अधिकारियों ने नीरज के घर की तलाशी ली और उससे हाकिम और उसके बीच कारोबार, हाकिम का लेखाजोखा से संबंधित पूछताछ की और रात्रि के लगभग 1.45 बजे रेड समाप्त हुई. कुछ दस्तावेजों के साथ टीम निकली और अपनी गाड़ी में बैठकर सभी चले गए.
इस दौरान सीबीआई की टीम में शामिल अधिकारियों से मीडिया कर्मियों ने छापेमारी के बारे में काफी जानने का प्रयास किया, परंतु किसी ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. सीबीआई के एक अधिकारी ने सिर्फ इतना बताया कि उनकी टीम अनुसंधान करने आयी है और इसका डिटेल जल्द मिल जायेगा. इधर ग्रामीण इलाके ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में सीबीआई की टीम द्वारा छापेमारी करने को लेकर जिले के व्यवसायियों में हड़कंप मच गया. कई व्यवसायी तो देर रात नीरज अग्रवाल के घर के इर्द गिर्द घूमते नजर आये और लोगो से पता करने में जुटे थे कि अब किसका नंबर है.
बता दें कि हाकिम मोमिन कोल कंपनी के एक बड़े ट्रांसपोर्टर के रूप में जाने जाते हैं. साथ ही उनका पत्थर कारोबार भी है. जबकि ये सरकारी सड़क, पुल पुलिया का ठेका भी लेते हैं. जबकि नीरज अग्रवाल पहले हाकिम का लेखाजोखा देखते थे, जो आज खुद एक कारोबारी है और हाकिम के साथ मिलकर अभी कारोबार संभाल रहे हैं और टैक्स में हेराफेरी के आरोप में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की.
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