पटना: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच शुरू कर दी है. बुधवार को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में पेपर लीक के दो आरोपी मुकेश और चिंटू के रिमांड पर सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी हर्षवर्धन सिंह ने रिमांड की अर्जी मंजूर कर ली. तीन दिनों का रिमांड सीबीआई को दे दिया. सीबीआई के वकील का पक्ष सुनने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी ने यह फैसला दिया.
सीबीआई करेगी पूछताछः सीबीआई, चिंटू और मुकेश को तीन दिनों के रिमांड पर लेगी. सीबीआई अब चिंटू और मुकेश से पूछताछ करेगी. इनदोनों से जानकारी प्राप्त करेगी की कुल कितने बच्चों को प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाया गया था. कहां से और कब किस प्रकार प्रश्न पत्र उन्हें प्राप्त हुए थे और कितने जगह पर प्रश्न पत्र और उत्तर भेजे गए. इसके अलावा भी कई सवाल हैं, जिसका जवाब ढूंढने के लिए सीबीआई इनसे पूछताछ करेगी.
देवघर से पकड़ा गया था: सीबीआई से पहले आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही थी. चिंटू को देवघर से पकड़ा गया था. जांच में यह बात निकाल कर सामने आई थी कि चिंटू साइबर अपराधी भी है. चिंटू पेपर लीक के मुख्य अभियुक्त संजीव मुखिया की भगिनी का पति है. चिंटू के पास से पुलिस को 20 एटीएम कार्ड, 21 ब्लैंक चेक और 50 हजार रुपये नकद प्राप्त हुए थे. पटना पुलिस की जांच में यह भी सामने आया था कि प्ले स्कूल में जिन प्रतिभागियों को उत्तर रटवाया गया था वहां प्रश्न पत्र और उत्तर चिंटू के मोबाइल पर ही उपलब्ध हुए थे.
क्या है मामलाः बता दें कि 5 मई को 571 शहरों में 4750 केंद्रों पर 24 लाख छात्रों के लिए NEET परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के दौरान पटना में पेपर लीक होने के आरोप लगे थे. पटना पुलिस के कार्रवाई की भनक लगते ही चिंटू फरार हो गया था. बाद में पटना के अलावा कुछ अन्य शहरों से भी नीट में गड़बड़ी की शिकायत मिलनी शुरू हुई. मामला तूल पकड़ने लगा तब 22 जून को नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी.
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