देहरादून: देहरादून में हाथ, पैर और मुंह से जुड़ी एक एचएफएमडी बीमारी फैल रही है. यह बीमारी बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है. राजधानी देहरादून के छोटे बच्चों में फीवर और दर्द के साथ शरीर में फफोले और दाने निकल रहे हैं. जिसके बाद परिजन बच्चों को दिखाने हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं.
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी में औसतन चार से पांच मरीज रोजाना आ रहे हैं. अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक ने इस बीमारी से सावधान रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कारण बच्चों के मुंह में छाले पड़ जाते हैं और बच्चे भोजन भी ठीक से नहीं कर पाते हैं. उन्होंने बताया कि मानसून के बाद यह बीमारी स्कूलों और डे केयर सेंटरों में तेजी से फैल रही है.
उन्होंने बताया कि बरसात के बाद वायरल लोड ज्यादा पड़ जाता है, इसलिए यह बीमारी ज्यादातर बच्चों में देखने को मिल रही है. डॉ. अशोक के मुताबिक आमतौर पर हाथ की हथेलियों, पांव के सोल में छाले पड़ जाते हैं. खास तौर पर बच्चों मे मुंह के अंदर पानी युक्त फफोले पड़ जाते हैं, जिन्हें अल्सर भी कहा जाता है और यह पेनफुल हो सकता है.
डॉ. अशोक का कहना है कि ऐसी स्थिति में पीड़ित बच्चे को 5 से 7 दिन स्कूल नहीं भेजना चाहिए. क्योंकि ज्यादातर केस में बच्चों में बुखार के लक्षण आने लगते हैं. बुखार आने पर पेरासिटामोल दी जा सकती है. लेकिन इसके साथ ही पीड़ित बच्चे को नजदीकी डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं, ताकि यह पता चल सके की कोई और बीमारी बच्चे को तो नहीं है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक यह एक वायरस बीमारी होने की वजह से एक से दूसरे बच्चे में भी इसके फैलने का खतरा अत्यधिक रहता है.
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